यह पूछने पर कि टीम का नियमित सदस्य नहीं होने का असर क्या उनके मनोबल पर पड़ता है, रायुडू ने कहा कि उसने हालात के अनुकूल खुद को ढाल लिया है ।
उन्होंने कहा , यही हकीकत है और आपको इसे स्वीकार करके खुद को ढालना होगा । मैं अपने लिये लक्ष्य तय नहीं करता जिससे काफी दबाव वैसे ही हट जाता है । मुझे जो भी मैच खेलने का मौका मिलता है, मैं उसमें खुश रहता हूं । हर मैच ऐसे खेलता हूं जैसे कि यह मेरा आखिरी मैच हो । मैं मौकों का इंतजार करता हूं ।