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2007 T20 WC फाइनल में धोनी ने जोगिंदर शर्मा को क्यों दिया था आखिरी ओवर, अब हुआ खुलासा

इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुके एम एस धोनी की बतौर कप्तान पहली बड़ी ट्रॉफी 2007 T20 का वर्ल्ड कप थी।

Written by: India TV Sports Desk
Updated on: August 16, 2020 9:52 IST
2007 T20 WC फाइनल में धोनी ने...- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES 2007 T20 WC फाइनल में धोनी ने जोगिंदर शर्मा को क्यों दिया था आखिरी ओवर, अब हुआ खुलासा

पूर्व कप्तान और इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुके धोनी ने वैसे तो टीम इंडिया को कई बड़े खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई लेकिन बतौर कप्तान उनकी पहली बड़ी ट्रॉफी थी 2007 T20 का वर्ल्ड कप जो भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर जीती थी।

2007 T20 का वर्ल्ड कप का फाइनल में रोमांच के साथ दवाब भी अपने चरम पर था लेकिन धोनी के कूल माइंड द्वारा लिए अपने फैसलों से इस मैच को भारत की झोली में डाल दिया। इस फाइनल मुकाबले में धोनी ने आखिरी ओवर के लिए जोगिंदर शर्मा को गेंद थमाई और परिणाम भारत के हक में गया।

ऐसे में जब धोनी ने 15 अगस्त को इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है तो कई पूर्व क्रिकेटर उनसे जुड़ी यादें साझा कर रहे हैं। भारत को पहला T20 वर्ल्ड का खिताब जिताने वाले जोगिंदर शर्मा ने धोनी को याद करते हुए उन्हें क्रिकेट का सबसे बड़ा मोटिवेटर करार दिया है।

हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत में जोगिंदर शर्मा ने धोनी के साथ क्रिकेट के मैदान पर बिताए पलों को याद करते हुए कई दिलचस्प खुलासे किए हैं। जोगिंदर शर्मा ने कहा, "जब उन्होंने झारखंड के लिए घरेलू क्रिकेट खेला, तब मैं हरियाणा के लिए खेल रहा था। घरेलू क्रिकेट में हम कई बार मिल चुके थे और वह विश्व टी 20 में जाने वाले खिलाड़ी के रूप में मेरे गुणों को जानते थे। उस समय कई बड़े नाम भारत के लिए नहीं खेल रहे थे। जिस तरह से उन्होंने नए और युवा क्रिकेटरों की टीम संभाला, वह शानदार था। उन्होंने एक योजना बनाई और उसका बेहतर तरीके से पालन किया।"

उन्होंने कहा, "अधिकांश लोगों को याद है कि मैंने 2007 में खिताब के फाइनल के लिए गेंदबाजी की थी, लेकिन कई लोगों को याद नहीं है कि मैंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भी अंतिम ओवर फेंका था। उस वक्त ऑस्ट्रेलिया को 22 रनों की जरूरत थी लेकिन वे केवल छह रन बना सके और मुझे दो विकेट मिले, ब्रेट ली और माइकल हसी। आरपी सिंह ने सेमीफाइनल में दूसरा आखिरी ओवर फेंका था और उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भी फाइनल में दूसरा आखिरी ओवर फेंका था। यह हमेशा धोनी के लिए परिणाम देने वाली योजना का हिस्सा था।"

उन्होंने आगे कहा, "इसलिए, जब फाइनल में समय आया, तब धोनी ने मुझे गेंद देने से पहले संकोच नहीं किया। पाकिस्तान को अंतिम ओवर से 13 रनों की आवश्यकता थी, और उसने मुझसे कहा, “उन रनों के बारे में मत सोचो जो उन्हें चाहिए, अपनी गेंदबाजी के बारे में सोचो। यदि आप हिट करते हैं, तो ज्यादा मत सोचों, बस अगली गेंद पर ध्यान केंद्रित करें। जो भी परिणाम हो, आश्वस्त रहें कि आपको मेरा सपोर्ट है।”

धोनी के रिटायरमेंट पर जोगिंदर ने कहा, "आज धोनी रिटायर हो चुके हैं। उन्होंने इस विषय में काफी सोचा होगा। वह अभी 40 के करीब हैं। इस उम्र में सजगता धीमी हो जाती है। उन्हें लगा कि समय सही था और उन्होंने ऐसा किया। मैं उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।"

गौरतलब है कि 2007 T20 वर्ल्ड कप के रोमांचक फाइनल मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 157 रन बनाए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान की टीम 152 रन पर ढेर गई। इस फाइनल मुकाबले का आखिरी ओवर सबसे रोमांचक था जिसमें पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन की दरकार थी लेकिन धोनी के एक फैसले ने इस मैच को भारत के पाले में कर दिया।

धोनी के पास आखिरी ओवर कराने के लिए यूसुफ पठान और हरभजन सिंह जैसे गेंदबाज का विकल्प था लेकिन उन्होंने युवा गेंदबाज जोगिंदर शर्मा को चुना। जोगिंदर ने भी धोनी को निराश नहीं किया और आखिरी ओवर में मिस्बाह उल हक का विकेट लेकेर भारत को पहला T20 वर्ल्ड कप चैंपियन बना दिया।

 

 

 

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