सकेंत साफ है ऑस्ट्रेलिया 349 रनों का पहाड़ सा स्कोर बनाने के बाद भी टीम इंडिया के चार महत्वपूर्ण खिलाडि़यों को आउट करने की नीति को लेकर शुरु से लेकर अंत तक गेमप्लान बनाकर खेली। जवाब तो टीम इंडिया ने भी शानदार अंदाज़ में दिया। शिखर और विराट ने पहाड़ से स्कोर का पीछा करते हुए बेहतरीन पुल, कट, फि़लक, कवर ड्राइव का शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को स्कोर के लगभग करीब ला खड़ा किया। लेकिन जीत तक आते आते फिर वहीं तू चल मैं आता हूं कि तर्ज़ पर टीम इंडिया ताश के पत्तों की तरह बिखर गई।
लेकिन खेल के रियल हीरो तो केन रिचर्डसन रहे
लेकिन यहीं बात ख़त्म कर दी जाए तो केन रिचर्डसन के साथ अन्याय होगा। दरअसल ऑस्ट्रेलिया जीत के असली हीरो अगर कोई है तो वह केन रिचर्डसन ही हैं। बेशक शुरु के 6 ओवर में वे 52 रन देकर खासे महंगे साबित हुए हों लेकिन एक बार मैच के निर्णायक समय में जब कप्तान ने गेंद फिर से उनकी तरफ उछाली तो 4 ओवर में महज 16 रन देकर 4 महत्वेपूर्ण विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को शानदार जीत दिला दी। लेकिन इन सब बातों के साथ ऑस्ट्रे लिया के उस जज़्बे को भी सलाम करना चाहिए जिसके चलते उन्होंने लगभग हारा हुआ मैच पलट दिया। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीमव स्मिथ ने स्वीकार भी किया है कि “जब विराट और शिखर बैंटिंग कर रहे थे तो हमे ऐसा लग रहा था कि हमें 15 या 16 फील्डरों की ज़रूरत है लेकिन हमनें हार न मानने का जज़्बा दिखाया और हर मौके का पूरा फायदा उठाया।