चेन्नई| कोरोना महामारी से पहले जरूरत से ज्यादा क्रिकेट होने के कारण कई खिलाड़ियों को मानसिक बीमारी ने घेर लिया था। जिसमे ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल भी शामिल थे। मैक्सवेल ने खुद माना था कि अधिक क्रिकेट खेलने के कारण उन्हें मानसिक बीमारी से झुझना पड़ रहा है। जिसके चलते वो क्रिकेट से आराम लेना चाहते हैं। इस तरह मैक्सवेल के खुलकर इस बीमारी को स्वीकारने से कई और खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा और उन्होंने भी इस बात को सबके सामने रखा।
ऐसे में जब क्रिकेट काफी दिनों से नहीं हो रहा है तब भी खिलाड़ी मानसिक रूप से घर में बैठकर कमज़ोर पड़ रहे हैं। इस तरह इन खिलाड़ियों के लिए भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर सुब्रामण्यम बद्रीनाथ और सरवना कुमार ने एमफोर नाम की एक पहल लांच की है जिसमें वह मानसिक मजबूती के लिए कार्यक्रम चला रहे हैं, ताकि खिलाड़ी अपने प्रदर्शन को सुधार सकें और इसके लिए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज माइकल हसी ने बद्रीनाथ को बधाई दी है। साथ ही कहा है कि उन्हें इस बात को समझने में काफी समय लगा कि बड़े मंच पर मानसिकता बहुत बड़ा रोल अदा करती है।
गौरतलब है कि बद्रीनाथ और हसी दोनों इंडियन प्रीमीयर लीग ( आईपीएल ) में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए एक दूसरे के साथ काफी क्रिकेट खेल चुके हैं।
फ्रेंचाइजी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, "माइकल हसी ने बताया कि एक बार डेनिस लिली ने कहा था कि क्रिकेट 90 प्रीतशत मानसिकता और सिर्फ 10 प्रतिशत स्किल का खेल है। हसी ने बद्रीनाथ को उनकी मुहीम पर बधाई दी जो खेल में मानसिकता को मजबूत करने पर केंद्रित है।"
ये भी पढ़ें : शमी के इस तेवर से काफी नाराज हुए थे धोनी, बोले - 'तेरा कप्तान हूँ मुझे मुर्ख मत बनाओ’
वहीं दूसरी तरह पूरी दुनिया में फैली कोरोना महामारी के कारण सभी प्रकार की खेल गतिविधियाँ ठप्प पड़ी हुई हैं। जिसके चलते 29 मार्च से शुरू होने वाले आईपीएल को बीसीसीआई ने अब अनिश्चित काल के लिए रद्द कर दिया है। जबकि अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में कोरोना महामारी के बाद किस तरह खेलों की वापसी होगी इसका सभी फैंस को बेसब्री से इंतज़ार है।
( With agency input Ians )