श्रीलंका के महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने कहा है कि टी20 क्रिकेट में रक्षण ही स्पिनरों के लिये सर्वश्रेष्ठ आक्रमण है और जितनी धीमी गेंद होगी, बल्लेबाजों को अपने शॉट खेलने में उतनी ही दिक्कत आएगी। टेस्ट (800) और वनडे (534) में सर्वाधिक विकेटों का रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले मुरलीधरन का मानना है कि टी20 क्रिकेट में गेंदबाज टेस्ट या 50 ओवरों के क्रिकेट की तरह हमेशा विकेट नहीं ले सकते उन्होंने आईसीसी के लिये अपने कॉलम में लिखा, "टी20 में रक्षण ही आक्रमण है। आपको छह या 6.5 रन प्रति ओवर का लक्ष्य रखना चाहिये। अगर वह हो गया तो विकेट भी मिल जायेंगे।"
उन्होंने कहा, "टी20 क्रिकेट में बतौर खिलाड़ी या कोच या मेंटर मेरा अनुभव यही है कि आपको रक्षात्मक मानसिकता के साथ उतरना चाहिये। वहीं, टेस्ट या वनडे में लक्ष्य विकेट लेने का होता है।"
उन्होंने कहा, "शुरू में लोगों को लगता था कि टी20 क्रिकेट में स्पिनरों की धुनाई होगी लेकिन अब स्पष्ट है कि गेंद जितनी धीमी होगी, उसे मारना उतना ही कठिन हाोगा। स्पिनर सबसे महत्वपूर्ण गेंदबाज हो गए हैं और तेज गेंदबाज भी धीमी गेंदें डाल रहे है क्योंकि हर कोई गेंद को बल्ले पर सीधे देने से बचना चाहता है।"
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श्रीलंका के बारे में उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले कुछ साल में देश में क्रिकेट का स्तर गिरा है। टी20 विश्व कप 2014 की विजेता श्रीलंकाई टीम को इस बार प्रारंभिक दौर के मुकाबले खेलने पड़ रहे हैं। मुरलीधरन ने कहा, "श्रीलंकाई टीम को पहले दौर में क्वालीफायर खेलने होंगे। पिछले पांच छह साल में टीम का स्तर इतना गिरा है कि पहली बार क्वॉलीफायर खेलने पड़ रहे हैं। लेकिन यह टीम अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। मेरी सलाह यही है कि विरोधी टीमों और खिलाड़ियों के रसूख से खौफजदा हुए बिना अच्छा खेल दिखाये। टी-20 क्रिकेट की यही खूबी है।"