पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि 10 खिलाड़ियों के कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने के बाद बोर्ड पर काफी दबाव था कि वह इंग्लैंड दौरे पर अपनी टीम भेजे या नहीं लेकिन महामारी के बीच खेल की बहाली सुनिश्चित करने के लिए पीसीबी ने दौरे पर टीम भेजने का फैसला किया।
पिछले महीने 10 खिलाड़ियों को इंग्लैंड दौरे की टीम से बाहर कर दिया गया था कि वे कोरोना वायरस परीक्षण में पॉजिटिव पाए गए थे। शादाब खान, हारिस राऊफ, हैदर अली, फखर जमां, मोहम्मद रिजवान, वहाब रियाज, इमरान खान, मोहम्मद हफीज, मोहम्मद हसनैन और काशिफ भट्टी उन खिलाड़ियों में शामिल थे जो पहले दौर में पॉजिटिव पाए गए थे।
पाकिस्तान पांच अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों सीरीज खेलेगा जिसके बाद तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज खेली जाएगी। पीसीबी के सीईओ वसीम खान के हवाले से पाकिस्तान के एक चैनल ने कहा, ‘‘जब इतने सारे खिलाड़ी पॉजिटिव पाए गए तो बोर्ड पर काफी दबाव था। इसलिए कोरोना वायरस महामारी के बीच क्रिकेट टीम को इंग्लैंड दौरे पर भेजना काफी मुश्किल फैसला था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने दौरे पर जाने की अपनी योजना पर कायम रहने का फैसला किया क्योंकि हमने शुरुआत में टीम को भेजने का फैसला इसलिए किया था क्योंकि हम विश्व क्रिकेट को बहाल करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहते थे।’’
खान ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली सुनिश्चित करने के अलावा इंग्लैंड दौरे पर जाने का फैसला करने के पीछे कोई और कारण नहीं था। उन्होंने कहा कि पीसीबी ने इस बात पर भी गौर किया कि वेस्टइंडीज ने महामारी के बावजूद इंग्लैंड दौरे पर जाने का फैसला किया।
खान ने कहा, ‘‘जब भी हमारे से इंग्लैंड दौरे पर जाने का फैसला करने के बारे में पूछा जाएगा तो वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम से भी यही सवाल पूछा जाना चाहिए जिसने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मैच जारी रखने का फैसला किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने उस समय इंग्लैंड जाने का फैसला किया जब वहां स्थिति काफी खराब थी (महामारी के कारण)। ’’ खान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय टीमों की पाकिस्तान में खेलने को लेकर अब अलग धारणा है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे अब आने के इच्छुक हैं। मुझे बताइए कि हमारे प्रभार संभालने से पहले श्रीलंका, बांग्लादेश जैसी टीमें टेस्ट या सीमित ओवरों के क्रिकेट के लिए क्यों नहीं आई। हम एमसीसी टीम को भी लेकर आए और बांग्लादेश महिला टीम को भी। इससे हमें आत्मविश्वास मिला कि जल्द ही और टीमें पाकिस्तान आएंगी।’’