नयी दिल्ली/मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर डे-नाइट मैच को लेकर BCCI और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है. बात इतनी बढ़ गई है कि ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड ने डे-नाइट टेस्ट खेलने से इंकार करने के पीछे BCCI की मंशा पर ही सवाल उठा दिया है. क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) के सीईओ जेम्स सदरलैंड ने आज कहा कि भारत डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने से इसलिए मना कर रहा है क्योंकि वह हर क़ीमत पर आस्ट्रेलियाई की सरज़मीं पर जीतना चाहता है. बता दें कि टीम इंडिया साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जाएगी जहां तीन टी-20 मैच, चार टेस्ट मैच और तीन वनडे मुकाबले खेले जाएंगे.
डे-नाइट मैच आयोजित करना हमारा विशेषाधिकार- क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया
सदरलैंड का कहना है कि भारत के खिलाफ छह से दस दिसंबर के बीच एडिलेड में गुलाबी गेंद से मैच आयोजित करना उनका विशेषाधिकार है लेकिन बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति के प्रमुख विनोद राय ने फिर से साफ कह दिया है कि वे डे-नाइट मैच नहीं खेलेंगे. सदरलैंड ने एसईएन रेडियो से कहा, ‘‘मेरी निजी राय है कि मेज़बान देश को मैचों का कार्यक्रम तय करने का अधिकार होना चाहिए और वह जिस समय चाहे तब इन मैचों की शुरुआत कर सकता है।’’
BCCI का फ़ैसला नहीं बदलेगा
इस संबंध में जब पीटीआई ने बीसीसीआई सीओए प्रमुख राय से संपर्क किया, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि बीसीसीआई का फ़ैसला बदलेगा क्योंकि हम पहले ही तय कर चुके हैं कि दिन रात्रि गुलाबी गेंद के मैच प्रथम श्रेणी स्तर पर होते रहेंगे. दलीप ट्राफी फिर से दूधिया रोशनी में खेली जाएगी.’’ साथ ही राय ने कहा कि भारत के मना करने को यह नहीं माना जाना चाहिए दोनों बोर्ड इसको लेकर टकराव की स्थिति में है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे टकराव का कारण नहीं मानता. खेल की परिस्थितियों पर दोनों बोर्ड को मिलकर फैसला करना होता है. जो भी होगा उस पर आपसी सहमति होगी लेकिन मैं फिर से साफ कर दूं कि भारत गुलाबी गेंद वाले टेस्ट मैच में नहीं खेलेगा.’’
भारत सिर्फ़ सिरीज़ जीतना चाहता है
आस्ट्रेलिया में 2015 से लगातार दिन रात्रि टेस्ट मैचों का आयोजन किया जा रहा है. एडिलेड में अब तक तीन जबकि ब्रिस्बेन में एक दिन रात्रि टेस्ट मैच आयोजित किया गया और आस्ट्रेलिया ने इन सभी में जीत दर्ज की है. सदरलैंड ने यहां तक कहा कि भारत खेल के भविष्य के बजाय केवल श्रृंखला जीतने पर ध्यान दे रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत भले ही इस दौरे में इस विचार को स्वीकार नहीं करे लेकिन मेरा मानना है कि यह भविष्य है. मुझे लगता है कि विश्व क्रिकेट में हर कोई इसे समझता है.’’
सदरलैंड ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि वे यहां आकर हमें हराना चाहते हैं. सच्चाई यह है कि आस्ट्रेलिया ने अब तक अपनी सरज़मीं पर दूधिया रोशनी में खेले गये सभी मैच जीते हैं और लोगों को लगता है कि इससे हम थोड़े फायदे की स्थिति में रहेंगे.’’
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि जीत को लक्ष्य बनाने में कोई बुराई नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर हम आस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराना चाहते हैं. इसमें क्या गलत है। अगर वे हमें आसानी से हराने की रणनीति बना सकते हैं तो हमें अपने हितों का ध्यान रखना होगा. बीसीसीआई कभी गुलाबी कूकाबुरा गेंद को लेकर आश्वस्त नहीं रहा.’’