भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच से पहले ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी डेविड वार्नर ने कहा है कि अभी तक खेले गए दो मैचों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाजों ने इच्छाशक्ति, बहादुरी नहीं दिखाई और न ही विपक्षी टीम के गेंदबाजों पर दबाव बनाया। वार्नर ने शनिवार को कहा कि सात जनवरी से शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट में अगर वह खेलते हैं तो आक्रामकता के साथ बल्लेबाजी करेंगे।
वार्नर ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, "अगर आप उन्हें हावी होने का मौका देंगे और अगर आप उन पर दबाव नहीं बनाएंगे तो फिर आखिरी के दो टेस्ट मैचों में रन करना मुश्किल हो जाएगा। दोनों टीमों के शीर्ष क्रम की तरफ से गेंदबाजों पर हावी होने की तीव्र इच्छा नहीं दिखाई गई।"
यह भी पढ़ें- ऋषभ पंत से हुई बड़ी भूल, ऑस्ट्रेलिया में तोड़ा कोविड-19 प्रोटोकॉल का नियम !वार्नर की गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया की सलामी जोड़ी ज्यादा प्रभावी नहीं रही है। पहले टेस्ट की पहली पारी में जोए बर्न्स और मैथ्यू वेड की सलामी जोड़ी ने 14 ओवरों में सिर्फ 16 रन जोड़े थे। दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में दोनों बर्न्स और वेड ने चार ओवरों में सिर्फ 10 रन जोड़े थे और दूसरी पारी में तीन ओवरों में चार रन जोड़े थे।
भारत की तरफ से भी सलामी जोड़ी विफल रही थी। मयंक अग्रवाल दोनों मैचों में बड़ी पारी नहीं खेल पाए। भारत के लिए पहले विकेट के लिए इस सीरीज में सबसे बड़ी साझेदारी 16 रनों की गई है।
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वार्नर ने कहा, "रन के भागने के लिए जोर से बोलिए, आप गेंदबाजों पर हावी होकर उनकी लाइन लैंग्थ बिगाड़ना चाहते हैं, चाहे ड्राइव करके या पीछे जाकर, गेंद को अपने आप आने दो और खेल कर रन के लिए भागो। गेंदबाजों पर दबाव डालो। मुझे लगता है कि इस चीज की कमी रही है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ हमारी तरफ से बल्कि दोनों तरफ से। इसलिए मैं कहता हूं कि टेस्ट क्रिकेट में आप गेंदबाजी आक्रमण को हावी नहीं होने दे सकते।"
वार्नर ने कहा, "दोनों गेंदबाजी आक्रमणों ने अभी तक अच्छी गेंदबाजी की है इसलिए बल्लेबाजों ने सोचा कि ठीक है समय लेकर खेलते हैं और इसलिए गेंदबाज हावी हो गए। अगर अटैक अच्छा कर रहा है तो आपको कहीं न कहीं अपने शॉट खेलने होते हैं। चाहे आप आउट हों या रन बनाए। मैं इसी तरह से खेलता हूं और आक्रमण करना चाहता हूं।"