कोलकाता: भारत के युवा चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव ने ऑस्ट्रेलिया के उप कप्तान और धाकड़ ओपनर डेविड वार्नर के बारे में एक बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि वार्नर न सिर्फ़ उनका सामना करने से डरते हैं बल्कि वह उन्हें कभी भी आउट कर सकते हैं।
22 साल के कुलदीप ने वार्नर को इस साल के शुरू में धर्मशाला टेस्ट में आउट किया था। कुलदीप का ये पहला टेस्ट मैच था। इसके बाद रविवार को चेन्नई में खेले गये पहले वनडे में भी उन्होंने इस आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज को पवेलियन का राह दिखाई थी।
कुलदीप ने गुरुवार को आस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ होने वाले दूसरे वनडे के पहले पत्रकारों से कहा, ''मुझे लगता है कि मेरा सामना करते हुए वह वार्नर काफी दबाव में रहता है और इससे मुझो ऐसा महसूस होता है कि मैं उसे किसी भी समय आउट कर सकता हूं।''
उत्तर प्रदेश के इस स्पिनर ने दावा किया कि वह वार्नर को गेंदबाजी करते समय कभी दबाव महसूस नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ''यह अच्छा है कि मुझ पर किसी तरह का दबाव नहीं है और मैं उसे गेंदबाजी करने का पूरा लुत्फ उठाता हूं। मुझे हमेशा यह महसूस होता है कि मैं उन्हें आउट कर सकता हूं और फिर उसी अनुसार अपनी रणनीति तय करता हूं। मैं आगे भी उसे आउट करने की कोशिश करूंगा।''
कुलदीप ने आगे कहा कि वार्नर पर वह हावी होकर उन्हें जल्द आउट करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी खिलाड़ी पर अगर आप हावी हो तो उसे जल्दी आउट करने की कोशिश करते हो।
लेकिन साथ ही चाइनामैन गेंदबाज ने कहा कि आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों में विरोधी टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ को गेंदबाज़ी करना सबसे मुश्किल होता है। उन्होंने कहा, ''मैंने टेस्ट मैचों में देखा कि वह आपका अच्छी तरह से आंकलन करता है। उसे पता होता है कि कैसे एक रन लेना है। वह लेग स्टंप पर खेलना पसंद करता है और आसानी से शाट मारता है।''
दूसरे छोर से लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल गेंदबाजी कर रहे होते हैं तो ये दोनों युवा अपनी विविधता से बल्लेबाजों को परेशान करते हैं। हरियाणा के लेग स्पिनर के साथ गेंदबाजी करने के अनुभव के बारे में कुलदीप ने कहा, परंपरागत स्पिनरों के पास एक या दो वैरीएशन होता है लेकिन कलाई के स्पिनर बल्लेबाज़ को फांसने की कला में माहिर होते हैं। हम दोनों ही आक्रामक गेंदबाजों की तरह है और ऐसे में विकेट लेने के मौके बढ़ जाते हैं।
उन्होंने कहा, यह दुर्लभ अवसर है क्योंकि जूनियर क्रिकेट में भी मैंने कभी कलाई के किसी दूसरे स्पिनर के साथ गेंदबाजी नहीं की। अमूमन मेरे साथ बायें हाथ का स्पिनर होता था। रणजी ट्राफी में मैं उत्तर प्रदेश की टीम में हूं और वहां सीनियर लेग स्पिनर पीयूष चावला हैं। वह सीनियर गेंदबाज है इसलिए मुझे बहुत कम मौके मिलते थे।