एक गलती और बदले में हार का वो दर्द, जिसकी आदत इस हिदुस्तान की वनडे टीम को बिल्कुल नहीं है। जब आधा हिंदुस्तान सो रहा था तब देश की राजधानी दिल्ली से 8000 किलोमीटर दूर भारतीय क्रिकेट टीम को वो एक ओवर रह-रह कर तड़पा रहा था क्योंकि 25 साल का वो सपना, जो बिल्कुल अपना होने वाला था... उसको अफ्रीका के गुलाबी गैंग ने जबड़े से छीन लिया।
भारत ने दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 290 रन का लक्ष्य दिया। बारिश की वजह से दक्षिण अफ्रीका को 28 ओवर में 202 रन का नया लक्ष्य मिला और 15 गेंद बाकी रहते ही मैच अपने नाम कर लिया। जो चहल विकेट की पहल करने के लिए मशहूर रहे है, इस बार उन्होंने छक्कों और नो बॉल की पहल कर अफ्रीका के लिए सीरीज़ में वापसी के दरवाजे खोल दिए।
मैच के 18 ओवर की तीसरी गेंद चहल फेंकते है मिलर शॉट लगाते है, युवा श्रेय्यस अय्यर कैच पकड़ने पहुंच जाते हैं, लेकिन कैच उनके हाथ से यूं फिसल जाता है मानो वो हाथों में मक्खन लगाकर पहुंचे हो। भारतीय खेमे में सन्नाटा छा जाता है। 17.5 में ओवर अब सामने क्लासेन थे क्लासेन चहल की गेंद पर ऊंचा शॉट लगाते है, लेकिन क्लासेन के साथ किस्मत थी और गेंद वहां गिरती है जहां कोई फील्डर मौजूद ही नहीं था।
17.6 ओवर में चहल के सामने एक बार फिर मिलर खड़े थे। चहल की शानदार गेंद मिलर की गिल्लियां बिखेरने के लिए काफी थी। भारतीय खेमे में जश्न का माहौल शुरू हो जाता है। चहल कप्तान विराट से चिपककर गले लग जाते हैं लेकिन पलक झपकते ही सबकुछ बदल जाता है क्योंकि चहल का पैर क्रीज से बाहर था। मिलर द किलर के नाम से मशहूर इस विस्फोटक बल्लेबाज़ के लिए एक ही ओवर में दो जीवनदान मिलना अफ्रीकी टीम के लिए काफी था। गजब तो तब हो गया जब मिलर फ्री हिट में भी कैच थमा बैठे लेकिन इसका असर कुछ पड़ने वाला था नहीं।
वैसे अच्छे गेंदबाज़ चहल के बुरे दिन की शुरुआत तो उनके आरसीबी के साथी एबी डिविलियर्स ने ही शुरू कर दी थी। जब उन्होंने चहल की लगातार 2 गेंद पर 2 छक्के लगाकर उनके आत्मविश्वास पर सीधा हमला बोला था और उसके बाद तो अफ्रीकी बल्लेबाज़ ऐसे शॉट्स लगाने लगे।
ये मैच भारतीय स्पिनर्स के लिए बेहद खराब दिन था क्योंकि चहल ने 12.36 की इकॉनोमी और कुलदीप ने 8.50 की इकॉनोमी से रन लुटाए। चहल और कुलदीप की गेंदों पर पहले 3 वनडे में जहां 9 चौके और 4 छक्के ही लगे। जबकि अकेले चौथे वनडे में ही अफ्रीकी बल्लेबाज़ों ने 6 चौके और 8 चौके लगा दिए