क्रिकेट के गलियारों में हाल ही में पाकिस्तान से उड़ते हुए एक खबर सामने आई थी कि पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर अपना देश छोड़कर इंग्लैंड में बसने की सोच रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले आमिर को अगर ब्रिटेन की नागरिकता मिल जाती है तो उनके लिए आईपीएल के दरवाजे खुल जाएंगे।
मोहम्मद आमिर के देश छोड़ने और आईपीएल में खेलने से पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया को कोई एतराज नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि पीसीबी ने उन पर जो भरोसा जताया और जितना उन पर निवेश किया उसके बदले में आमिर ने संन्यास लेकर अच्छा नहीं किया। साथ ही उन्होंने आमिर को अपना रवैया बदलने का भी सुझाव दिया।
IndiaTV.in से खास बातचीत में दानिश कनेरिया ने कहा "मैं ये मानता हूं कि मोहम्मद आमिर को सबसे पहले अपना रवैया पूरी तरह से बदलना चाहिए। वह पाकिस्तान की अवाम और उन खिलाड़ियों को निराश कर रहा है जिन्होंने स्पॉट फिक्सिंग मामले से इन्हें निकालने में मदद की थी। पीसीबी ने आमिर की अपनी सीमाओं के पार जाकर मदद की। इसमें नजम सेठी का अहम किरदार था। जब इंग्लैंड में जेल हो जाती है तो आप वहां जा नहीं सकते हैं ट्रैवल नहीं कर सकते हैं। पाकिस्तान का वहां टूर था, तब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड, आईसीसी और ईसीबी ने मिलकर ऐसे इंतजाम किए जहां पर मोहम्मद आमिर ट्रैवल कर सके और उसकी पाबंधियां खत्म हो जाए। जिस देश में आपको जेल हो जाती है वहां आप 8-10 साल तक ट्रैवल नहीं कर सकते हैं। उस समय आमिर की हर किसी ने यह कहकर मदद की कि वो यंग टैलेंट हैं।"
पीसीबी करता है भेदभाव
दानिश ने कहा कि आमिर को तो पीसीबी ने हर तरह से मदद देकर इंटरनेशनल क्रिकेट में उनकी वापसी कराई। जब उन्होंने ऐसा एक खिलाड़ी के साथ किया तो बाकी खिलाड़ियों को भी उन्हें इसी तरह की ट्रीटमेंट देने की जरूरत है। नियम जब बनता है तो एक के लिए नहीं बल्कि सबके लिए बनता है। इस दौरान दानिश ने अपने साथ हुई नाइंसाफी के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा "वापसी के बाद सलमान बट ने घरेलू क्रिकेट खेला उसे भी दोबारा पाकिस्तान के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का मौका देना चाहिए था। जब आप कानून बनाते हैं तो एक के लिए नहीं सबके लिए होना चाहिए। इसमें मैं भी आता हूं, मेरे साथ जो नाइंसाफी हुई है नजम शेट्टी के दौर से लेकर अभी तक, मैं अपने 11 साल के बैन को देख रहा हूं। लेकिन मोहम्मद आमिर तो लाडला था, उसके लिए पूरा ग्राउंड बनाया गया, पाकिस्तान टीम में उसका स्वागत किया गया और उसे खिलाया।"
आमिर के बॉलिंग परफॉर्मेंस पर बात करते हुए दानिश ने कहा "दो साल से वह परफॉर्म नहीं कर रहा था। ठीक है आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में उसने जबरदस्त बॉलिंग की थी। अहम खिलाड़ियों को उसने आउट किया था, लेकिन उसके बाद उसकी परफॉर्मेंस में लगातार गिरावट आई। जब इंग्लैंड दौरे पर पाकिस्तान टीम को उसकी जरूरत थी तो वह कहता है कि मैं टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलूंगा।"
आमिर की वजह से कई गेंदबाजों के करियर हुए खराब
दानिश कनेरिया ने इसी के साथ कहा कि आमिर को टीम में वापसी कराने के लिए पीसीबी ने कई खिलाड़ियों को साइडलाइन किया। पीसीबी के इस फैसले से बाकी खिलाड़ियों के करियर पर काफी बुरा असर पड़ा।
उन्होंने कहा "जब आमिर पर बैन लगा हुआ था उसकी गैरमौजूदगी में जिन खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी गेंदबाजी अटैक को सहारा दिया था जिसमें जुनैद खान, मोहम्मद इरफान और जूनियर इमरान खान जैसे कई नाम है। लेकिन आमिर के आने के बाद इन सभी खिलाड़ियों को साइडलाइन किया गया। जुनैद खान के करियर को भी खराब किया गया कभी उसे खिलाया कभी उसे बाहर कर दिया, ये सब किसके लिए सिर्फ आामिर की जगह बनाने के लिए। आमिर के लिए जगह बनाने के लिए आपने उन खिलाड़ियों के करियर को खराब कर दिया, लेकिन आमिर ने रिटर्न बैक में आपको क्या दिया?"
हफीज और कई अन्य खिलाड़ी नहीं थे आमिर को वापस लाने के सपोर्ट में
40 साल के इस लेग स्पिनर ने आगे खुलासा किया कि आमिर को टीम में वापस लाने के सपोर्ट में मोहम्मद हफीद समेत अन्य खिलाड़ी नहीं थे, लेकिन पीसीबी ने इन खिलाड़ियों पर दबाव बनाकर आमिर की वापसी करवाई और उन्हें दोबारा वहीं इज्जत दिलवाई।
दानिश ने कहा "आमिर बहुत खुशनसीब है कि उसे दोबारा खेलने का मौका मिला, लेकिन फिर वो बाद में इस बेस पर रिटायरमेंट लेता है कि मैं इस मैनेजमेंट के साथ नहीं खेल सकता जो वकार युनूस और मिस्बाह उल हक की मैनेजमेंट है, ये मुझे बहुत टॉर्चर करती है। लेकिन आमिर को लाने वाले भी यही थे। मिस्बाह और हफीज भी उस समय टीम में थे। हफीज ने तो उस समय सपोर्ट ना करने के लिए आवाज भी उठाई थी, लेकिन पीसीबी ने उनपर प्रेशर बनाकर कहा कि तुम्हें सपोर्ट करना ही पड़ेगा। टीम के अन्य लोग भी सपोर्ट में नहीं थे लेकिन फिर भी पीसीबी ने आमिर की मदद की और ऐसा प्लैटफॉर्म तैयार किया जहां उसे दोबारा इज्जत मिली।"
आमिर के लीग खेलने से कोई एतराज नहीं
61 टेस्ट और 19 वनडे खेलने वाले दानिश कनेरिया ने इसी के साथ कहा कि आमिर के देश बदलने और किसी अन्य लीग में खेलने से उन्हें कोई ऐतराज नहीं है लेकिन पीसीबी के साथ उसने अच्छा नहीं किया।
दानिश ने कहा "अभी उसका यह कहना कि मैं रिटायरमेंट ले रहा हूं, मुझे यह मैनेजमेंट ठीक नहीं लगता है मुझे इसके साथ नहीं खेलना। ठीक है हर किसी का अपना ओपीनियन होता है किसी भी देश में जाने के लिए वहां रहने के लिए किसी भी लीग में खेलने के लिए, उसकी पत्नी वहां की है वह वहां रहेगा इस पर एतराज नहीं है, एतराज इसपर है कि पीसीबी ने उस पर इनवेस्टमेंट की और इतना बड़ा धब्बा लगने के बाद उसे दोबारा खिलाया फिर उसी ने आकर आंख दिखाना शुरू कर दी। इससे बढ़िया तो पीसीबी को उन लड़कों को सपोर्ट करने के बारे में सोचना चाहिए था जो अपने देश के लिए और क्रिकेट के लिए ईमानदार तो है।"
आमिर ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेते हुए कहा था कि मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया। मुझे नहीं लगता कि मैं मौजूदा प्रबंधन के रहते खेल सकता हूं। मैं अभी के लिए क्रिकेट छोड़ रहा हूं। मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया है। इसे झेल नहीं सकता।
दानिश ने इस पर कहा कि आमिर इस तरह का बयान देकर चाह रहा है कि मेरी बातों से पीसीबी मुझे दोबारा लेले, मैनेजमेट बदल जाए, मैनेजमेंट मुझसे बात करें, मैं वापस टीम में आऊं, वापस से मुझे वहीं ट्रीटमेंट मिले।
दानिश कनेरिया ने इसी के साथ कहा कि आमिर जब देश छोड़ने की बात करता है तो ना मीडिया इस बारे में बात करती है और ना ही लोग कुछ कहते हैं, लेकिन जब मैं ऐसी बात करूं तो मुझपर इलजामात लगना शुरू हो जाते हैं मुझे गद्दार कहा जाने लगता है।
उन्होंने कहा "आमिर अगर यह करता है तो उसे पूरा सपोर्ट मिलता है अगर यही चीज मैं करता हूं तो मेरे ऊपर सारे इलजामात लगना शुरू हो जाते हैं, मुझे गद्दार कहा जाने लगता है। लेकिन आमिर के लिए ऐसी कोई बाते नहीं करता ना मीडिया वाले और ना लोग ऐसी बाते करते हैं।"
आमिर के देश छोड़ने से क्या पड़ेगा अन्य पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर प्रभाव?
जब दानिश से पूछा गया कि अगर आमिर को ब्रिटेन की नागरिकता मिल जाती है और आगे आने वाले सालों में वह आईपीएल भी खेलने लगते हैं तो क्या इससे पाकिस्तान के अन्य खिलाड़ियों पर असर पड़ेगा? क्या जब पाकिस्तानी खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिलेगा तो वह भी आमिर के नक्शेकदम पर चल सकते हैं?
इस पर दानिश ने कहा "हां, आमिर बाकी खिलाड़ियों के लिए जरिया बन जाएंगे कि आप हमें नहीं खिलाते हो तो हम किसी और देश में जाकर वहां खेल लेंगे। आप इससे युवा खिलाड़ियों और नई पीढ़ी के जहन में यह चीज डाल रहे हो कि आप खेल जाओ, नाम बना लो और पीसीबी आपके साथ कुछ करे तो उसे इस तरह की धमकी दे दो। मैं समझता हूं ये गलत चीज है।"
अंत में दानिश ने कहा "क्रिकेट वर्ल्ड में ऐसी चीजे नहीं होती है और आमिर को समझना चाहिए। उसके इंग्लैंड में रहने और आईपीएल खेलने से मुझे कोई दिक्कत नहीं है। मकसद यह है कहने का जो आपको चीज मिल रही है दोबारा वो फेम, वो नाम, वो इज्जत जो आपको मिली है वो काफी खिलाड़ियों को नहीं मिली है। आमिर खुशनसीब थे।"