पाकिस्तान क्रिकेट टीम पिछले कुछ समय से बदलाव के दौर से गुजर रही है। हाल ही में पीसीबी ने युवा क्रिकेटर बाबर आजम पर अपना भरोसा जताया और उन्हें लिमिटेड ओवरों का कप्तान नियुक्त किया है लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो पाकिस्तान क्रिकेट में अबतक नहीं बदल पाई हैं और वह हैं खिलाड़ियों के प्रति पक्षपात का रवैया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर खुद देश के पूर्व खिलाड़ी भी ऐसा आरोप लगाते रहे हैं।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के इसी रवैये का शिकार हो रहे हैं देश के लिए टेस्ट क्रिकेट में चौथे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज दानिश कनेरिया, दानिश ने इमरान खान (362), वसीम अकरम (414) और वकार यूनुस (373) के बाद पाकिस्तान के लिए सबसे अधिक विकेट लेने का कारनामा किया है लेकिन कनेरिया पर साल 2009 में स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगा था जिसके बाद उन पर लाइफ टाइम बैन लगा दिया गया।
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कनेरिया ने साल 2018 में अपने ऊपर लगे इस आरोप को स्वीकार किया इस बीच वे 9 सालों तक पाकिस्तान क्रिकेट से बाहर रहे और बोर्ड ने उन्हें नजरअंदाज किया जबकि उन पर सिर्फ फिक्सिंग का 'आरोप' लगा था, ना कि यह साबित हुआ था। हालांकि बोर्ड और उसके अधिकारियों के दवाब में आकर उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोप को स्वीकार कर लिया जिसके बाद उन्हें लाइफ टाइम बैन कर दिया गया। इस बीच उन्होंने पीसीबी से रहम के लिए काफी धक्के खाए लेकिन उन्हें अबतक कुछ भी हासिल नहीं हुआ।
इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत में दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान क्रिकेट में हुए उनके साथ दोहरे व्यवहार को लेकर तफसील से अपना पक्ष रखा और उन्होंने बताया कि एक धर्म विशेष से जुड़े होने के कारण बोर्ड ने उनकी किस तरह से अनदेखी की है।
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कनेरिया ने कहा, ''मैंने अपनी गलती मानी है। मैं एक इंसान हूं मुझसे गलती हुई है। मैंने पाकिस्तान के लिए खेला इसका मुझे गर्व है लेकिन मैं बोर्ड से एक दूसरा मौका चाहता हूं। मैं अब क्रिकेट के मैदान पर नहीं खेल सकता हूं लेकिन मैं पाकिस्तान के युवाओं को लेग स्पिन का गुर जरूर सीखाना चाहता हूं।''
उन्होंने कहा, ''क्रिकेट से लगातार दूर रहने के कारण मुझे ऐसा लगता है कि मेरे शरीर का कोई हिस्सा खत्म हो गया है। मैं इस खेल को बहुत मिस करता हूं। पाकिस्तान में हिंदू क्रिकेटर होने के नाते मेरा कोई साथ नहीं देता है। बोर्ड ने भी मुझसे पल्ला झाड़ लिया।''
इतना ही नहीं, उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के ऊपर भी सवालिया निशान खड़े किए और कहा कि बोर्ड में खिलाड़ियों को लेकर पक्षपात किया जाता है। उन्होंने कहा, ''मैं जब काउंटी क्रिकेट में खेल रहा था तब मेरे ऊपर फिक्सिंग का आरोप लगा था लेकिन साल 2010 में इंग्लैंड के खिलाफ पाकिस्तान टेस्ट टीम के कप्तान सलमान बट, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ को फिक्सिंग के मामले में जेल तक जाना पड़ा।''
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कनेरिया ने कहा, ''यह पक्षपात नहीं तो और क्या है, एक तरफ आप आमिर, सलमान बट और आसिफ जैसे खिलाड़ियों के बैन को खत्म कर देते हैं। यहां तक कि उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी का मौका भी दिया जाता है लेकिन मेरे मामले में बोर्ड कुछ नहीं करता है। मैंने बोर्ड के कई बड़े अधिकारियों से भी बात की लेकिन वह सभी इसे मेरा निजी मामला बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। यह पक्षपात नहीं तो और क्या है ? या फिर आप कह सकते हैं कि मैं एक हिदूं क्रिकेटर हूं इसलिए यहां मेरी कोई मदद नहीं करता है।''
आपको बता दें कि पाकिस्तान क्रिकेट पर पिछले एक दशक से मैच फिक्सिंग के आरोप लगते रहे हैं और कई बार यह साबित भी हुआ है। इस मुद्दे पर दानिश ने कहा, ''यह आज से नहीं चला आ रहा है। सलीम मलिक और वसीम अकरम जैसे खिलाड़ियों का नाम जब फिक्सिंग में सामने आया था तो बोर्ड को उसी समय कड़े फैसले लेते हुए इन पर लाइफ टाइम बैन लगाना चाहिए था जिससे कि आज यह नौबत ही नहीं आती।''
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आपको बता दें कि दानिश पाकिस्तान के लिए खेलने वाले दूसरे हिंदू क्रिकेटर हैं। उनसे पहले अनिल दलपत पाकिस्तान की तरफ से खेल चुके हैं। हालांकि दानिश के बाद से एक भी हिंदू क्रिकेटर पाकिस्तानी टीम के लिए नहीं खेल पाया है।
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान में हिंदू क्रिकेटरों का क्या भविष्य है इसका जवाब देते हुए दानिश ने कहा, ''पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू, क्रिकेटर के तौर पर हो सकता है वह खुद ही ऊपर नहीं आना चाहते हों या फिर उन्हें यहां अपना कोई भविष्य नजर नहीं आता है जिसके कारण वह खुद ही हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। वहीं बोर्ड की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि अल्पसंख्यक क्रिकेटर अगर देश में मेहनत कर रहे हैं तो उन्हें मौका क्यों नहीं मिल रहा है।''
इसके अलावा सोशल मीडिया पर पूर्व क्रिकटरों के बायनबाजी को लेकर भी दानिश ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ''निश्चित तौर पर उनके द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए बयानबाजी से पाकिस्तान क्रिकेट की छवि खराब होती है। वह सिर्फ अपनी दुकान चमकाने के लिए कुछ भी बोल जाते हैं। उन्हें अपनी सीमा में रहकर अपनी बात को रखनी चाहिए जिससे कि पाकिस्तान क्रिकेट की गरिमा बनी रही।''
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दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान के लिए साल 2000 में इंग्लैंड के खिलाफ फैसलाबाद टेस्ट से इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना कदम रखा था। दानिश अपनी टीम के लिए कुल 61 टेस्ट मैचों में प्रतिनिधित्व किया जिसमें उन्होंने 3.07 की इकॉनमी रेट से 261 विकेट अपने नाम किए। टेस्ट क्रिकेट में 15 बार पारी में पांच विकेट लिए जबकि दो बार मैच में 10 विकेट लेने का कारनामा कर चुके हैं।
इसके अलावा दानिश पाकिस्तान के लिए 18 वनडे मैच भी खेल चुके हैं। वनडे में उन्होंने पाकिस्तान के लिए कुल 15 विकेट चटकाए। हालांकि वनडे में टीम के सीनियर खिलाड़ियों के कारण उन्हें अधिक मौका ही नहीं मिल पाया।