सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश डी के जैन भारतीय क्रिकेट बोर्ड में बतौर आचरण अधिकारी लोकपाल अपना कार्यकाल जारी रखेंगे। डीके जैन के कार्यकाल को 1 साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश डीके जैन को फरवरी 2019 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का लोकपाल नियुक्त किया था। इसके बाद में उन्हें आचरण अधिकारी की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंप दी गई। उनका कार्यकाल इसी साल 29 फरवरी को पूरा हो गया था लेकिन पिछले सप्ताह ही उनका अनुबंध बढ़ाया गया।
जैन ने पीटीआई को बताया, ‘‘मैंने पिछले हफ्ते दोबारा काम संभाल लिया। कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए आचरण अधिकारी और लोकपाल के रूप में एक और साल का कार्यकाल मिला है। मैं आनलाइन सुनवाई करूंगा।’’
बता दें, डीते जैन के पास कुछ मामले लंबित पड़े हैं। उन्होंने मयंक पारिख के खिलाफ हितों के टकराव के आरोपों पर अपना फैसला नहीं सुनाया है। पारिख भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व अधिकारी रहे हैं। उनके पर मुंबई में 6 क्लब संचालित करने काा भी आरोप हैं।
जैन ने कहा, ‘‘पारिख का मामला लंबित है और जल्द ही इसके निपटारे की उम्मीद है।’’ जैन के कार्यकाल का आगाज साल 2019 में लोकेश राहुल और हार्दिक पंड्या के ‘कॉफी विद करण’ चैट शो विवाद से हुआ था। इसके बाद दोनों खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया के दौरे के बीच से वापस भारत बुला लिया गया था। यही नहीूं, चैट शो में महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए दोनों को निलंबित भी किया गया था।
इसके अलावा उन्होंने बीसीसीआई की क्रिकेट सलाह समिति (सीएसी) के पूर्व सदस्यों सचिन तेंदुलकर, अब बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण से जुड़े ‘हितों के टकराव’ मामले की सुनवाई भी की थी।
(With PTI Inputs)