लखनऊ। रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में जोरदार प्रदर्शन कर ध्यान खींचने वाले युवा बल्लेबाज सरफराज खान का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से अचानक मिली छुट्टी उन्हें रास नहीं आ रही है और इनकी दुआ है कि यह मुसीबत जल्द खत्म हो ताकि क्रिकेट की दुनिया भी फिर से आबाद हो सके। सरफराज ने रविवार को टेलीफोन पर 'भाषा' से बातचीत में कहा कि कोरोना वायरस के कारण घोषित लॉक डाउन के दौरान वह इन दिनों उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ स्थित अपने गांव में हैं और परिवार के साथ समय भी बिता रहे हैं लेकिन दुनिया के ज्यादातर लोग कोरोनावायरस की वजह से मुश्किल में है लिहाजा उन्हें छुट्टी की तनिक भी खुशी नहीं है।
मुंबई के इस दाहिने हाथ के बल्लेबाज ने कहा "यह एंजॉयबल मोमेंट तो नहीं है। बहुत से लोग तकलीफ में हैं लिहाजा इस पल का मजा तो नहीं लिया जा सकता। हां यह जरूर है कि लंबे वक्त के बाद अपने माता पिता और परिवार के बाकी सदस्यों के साथ वक्त बिताने का मौका मिला है।"
सरफराज ने कहा कि उनकी बस यही दुआ है कि कोरोना का प्रकोप जल्द से जल्द खत्म हो ताकि क्रिकेट जगत समेत पूरी दुनिया फिर से पटरी पर लौट सके। इस साल आईपीएल निरस्त होने की आशंकाओं पर किंग्स इलेवन पंजाब के इस 22 वर्षीय बल्लेबाज ने कहा कि आईपीएल कब होगा, यह तो बीसीसीआई को ही तय करना है। आईपीएल अगर निरस्त होता है तो भी यह ठीक ही होगा क्योंकि जान से बढ़कर कुछ नहीं होता। बीसीसीआई जो भी करेगा वह हम सबके भले के लिए ही करेगा।
लॉक डाउन के बावजूद सरफराज अपने गांव में घर की छत पर प्रैक्टिस कर रहे हैं। इसका एक वीडियो भी खासा वायरल हुआ है जिसमें वह तख्त पर कालीन से बनाई गई आड़ और दो दीवारों के बीच लगाई गई रस्सी से चादर डालकर प्रैक्टिस कर रहे हैं। इसमें उनके पिता और कोच नौशाद खान भी मदद कर रहे हैं।
सरफराज ने कहा,‘‘ मैं अपने गांव के मकान की छत पर सुबह शाम तीन-तीन घंटे प्रैक्टिस करता हूं। गांव में मेरी छत बड़ी है इसलिए मुझे क्रिकेट खेलने को मिल पा रहा है। मुंबई में अगर क्रिकेट खेलना है तो ग्राउंड में जाना पड़ता है। जहां किसी को कुछ नहीं मिल पा रहा है, वहां मुझे यह मिल रहा है। मुझे इस बात की बहुत खुशी है।
हाल में समाप्त हुए रणजी ट्रॉफी के सीजन में मुंबई की तरफ से छह मैचों में एक तिहरे शतक समेत 155 के औसत से 928 रन बनाने वाले सरफराज ने भविष्य की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनके पिता ने उन्हें सिर्फ मेहनत करने और कमजोरियों पर काम करने का मंत्र दिया है जो वह पूरी संजीदगी से कर रहे हैं।