साउथम्पटन। भारत ने बुधवार को आईसीसी विश्व कप-2019 के अपने पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका को छह विकेटों से हरा टूर्नामेंट का विजयी आगाज किया है। भारत को हालांकि यह जीत आसानी से नहीं मिली। दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने भारतीय बल्लेबाज रन करने के लिए संघर्ष करते दिखे। भारत को 228 रनों का लक्ष्य मिला थे जिसे वो संघर्ष करते हुए 47.3 ओवरों में चार विकेट खोकर हासिल कर सकी।
विकेट गेंदबाजों का साथ दे रही थी। भारतीय गेंदबाजों को भी इससे फायदा मिला और दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों को भी। रोहित हालांकि एक छोर पर शुरू से खड़े रहे और इसलिए विकेट से पूरी तरह वाकिफ होने के बाद उन्होंने अपने शॉट खेले और अंत तक खड़े होकर टीम को जीत दिलाकर लौटे। यह दक्षिण अफ्रीका की इस विश्व कप में लगातार तीसरी हार है। वह इंग्लैंड और बांग्लादेश से मात खा इस मैच में आई थी।
रोहित ने भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने 144 गेंदों पर 13 चौके और दो छक्के की मदद से नाबाद 122 रनों की पारी खेली। रोहित ने संयम के साथ बल्लेबाजी की और समय लेते हुए विकेट पर अपने पैर तथा गेंद पर अपनी आंखे अच्छे से जमा लीं जिससे उन्हें बाद में फायदा मिला। रोहित ने पहले 50 रन 70 रन में बनाए और अगले 50 रन 57 गेंदों पर।
उनके जोड़ीदार शिखर धवन भारत की तरफ से आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे। धवन को कागिसो रबादा गेंद पर विकेट के पीछे क्विंटन डी कॉक के हाथों लपके गए। धवन ने 12 गेंदों पर एक चौके की मदद से आठ रन बनाए।
कप्तान विराट कोहली भी गेंद को बल्ले पर सही तरीके से लेने के लिए जद्दोजहद करते दिखे। कोहली ने 34 गेंदों पर 18 रन बनाए।
भारत का स्कोर 15.3 ओवरों के बाद दो विकेट के नुकसान पर 54 रन था। रनगति काफी धीमी थी और दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज आसानी से रन नहीं दे रहे थे। रोहित को दूसरे छोर से साथ की जरूरत थी। चौथे नंबर पर आए लोकेश राहुल ने अपने उप-कप्तान का बखूबी साथ दिया। दोनों ने मिलकर तीसरे विकेट के लिए 85 रनों की साझेदारी की। यहां से मैच भारत की तरफ जाना शुरू हो गया था।
इस जोड़ी से उम्मीदें बंध चुकी थीं तभी राहुल, रबादा की धीमी गति से डाली गई गेंद में फंस गए और फाफ डु प्लेसिस को कैच दे बैठे। राहुल ने 42 गेंदों पर 26 रन बनाए और सिर्फ दो चौके मारे।
दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज रोहित को अब परेशान नहीं कर पा रहे थे। रोहित को अब टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी का साथा मिला। दोनों ने धीरे-धीरे टीम को लक्ष्य के पास पहुंचाना शुरू किया। इसी बीच रोहित ने 41वें ओवर की चौथी गेंद लेकर अपना शतक पूरा किया। यह रोहित का कुल 23वां और विश्व कप में दूसरा शतक है।
दक्षिण अफ्रीका के पास मैच में वापसी का एक हल्का सा मौका आया लेकिन 43.3 ओवरों में डेविड मिलर ने रोहित का कैच छोड़ दिया। दक्षिण अफ्रीका हालांकि धोनी का विकेट लेने में सफल रही। पूर्व कप्तान 213 के कुल स्कोर पर पवेलियन लौटे, लेकिन आउट होने से पहले उन्होंने रोहित के साथ 74 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया था। धोनी ने 46 गेंदों पर 34 रन बनाए।
हार्दिक पांड्या ने सात गेंदों पर तीन चौके मार नाबाद 15 रन बनाए। उन्हीं के चौके से भारत ने जीत हासिल की।
इससे पहले भारतीय गेंदबाजों ने भी टॉस जीतने वाली दक्षिण अफ्रीका को भी आसानी से रन नहीं बनाने दिए।
युजवेंद्र चहल की अगुआई में भारतीय गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को परेशान किया लेकिन में अंत में क्रिस मौरिस (42) और कागिसो रबाडा (नाबाद 31) के बीच आठवें विकेट के लिए 66 रनों की साझेदारी के दम पर दक्षिण अफ्रीका किसी तरह भारत के सामने 228 का लक्ष्य रख पाने में सफल रही।
इस मैच में चहल और उनके जोड़ीदार चाइनामैन कुलदीप यादव ने एक बार फिर मध्य ओवरों में बल्लेबाजों को रनों के लिए तरसाया और दबाव बना विकेट निकाले। चहल ने चार विकेट अपने नाम किए, कुलदीप को हालांकि एक ही विकेट मिला।
चहल से पहले दक्षिण अफ्रीका को बुमराह का कहर झेलना पड़ा। बुमराह ने अपना पहला शिकार 11 के कुल स्कोर पर हाशिम अमला (6) को बनाया। दूसरे सलामी बल्लेबाज और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी की मुख्य कड़ी क्विंटन डी कॉक (10) को भी बुमराह ने 24 के कुल स्कोर पर आउट किया।
इसके बाद चहल ने बल्लेबाजों को अपनी फिरकी में फंसाया। चहल ने रासी वान डर डुसेन को 22 रनों के निजी स्कोर पर बोल्ड किया। कप्तान फाफ डु प्लेसिस (38) भी चहल को पढ़ने में गलती कर बैठे और 80 के कुल स्कोर पर बोल्ड हो गए।
विकेटों के गिरते सिलसिले को रोकने की जिम्मेदारी एक बार फिर अनुभवी ज्यां पॉल ड्यूमिनी (3) और डेविड मिलर पर आ गई थी लेकिन यह दोनों हमेशा की तरह विफल रहे। पहले ड्यूमिनी पवेलियन लौटे। वह कुलदीप की गेंद पर 89 के कुल स्कोर पर पगबाधा करार दे दिए गए।
डेविड मिलर अच्छा खेल रहे थे। उन्होंने 31 रन बना लिए थे, लेकिन चहल ने उन्हें अपनी ही गेंद पर लपक पवेलियन भेज दिया। आंदिले फेहुलक्वायो (34) को धोनी की फुर्ती ने पवेलियन भेजा। यह विकेट भी चहल के हिस्से गया।
दक्षिण अफ्रीका ने सात विकेट 158 के कुल स्कोर पर ही गंवा दिए थे। यहां से मौरिस और रबादा ने स्कोर बोर्ड चलाए भी रखा और विकेट भी बचाए रखे। मौरिस आखिरी ओवर में भुवनेश्वर की गेंद पर विराट कोहली के हाथों लपके गए। उन्होंने अपनी पारी में 34 गेंदों का सामना कर एक चौका और दो छक्के लगाए।
भुवनेश्वर ने पारी की आखिरी गेंद पर इमरान ताहिर (0) का विकेट लिया। चहल के चार विकेट के अलावा बुमराह और भुवनेश्वर ने दो-दो विकेट लिए। चहल ने इस विश्व कप में अब तक का सबसे अच्छा बॉलिंग फिगर दिया है।