नागपुर: इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम ‘क्रिकेट की बात’ में समीप राजगुरु के साथ आज जो सबसे बड़ी चर्चा है उसमें सबसे खास बात यह रही कि आखिर 31 साल पुरानी जीत की भविष्यवाणी कैसे सच होने जा रही है? दूसरी सबसे खास बात नागपुर टेस्ट मैच को लेकर थी जब श्रीलंका की पूरी टीम 205 रन बनाकर ऑल आउट हो गई है तो आखिर टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली नाराज क्यों हैं?
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विकेट बल्लेबाजों के लिए अच्छी है और शायद यही वजह है कि टॉस जीतकर श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, भारतीय स्पिनर्स ने मैच पर शिकंजा कस लिया। अश्विन ने पहला शिकार थिरमने को बनाया। इस विकेट ने अश्विन के लिए टॉनिक का काम किया, लेकिन शनाका के विकेट ने अश्विन के हौंसले को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया। मैच में भारतीय स्पिनर्स ने 10 में से 7 विकेट लिए, जिसमें अश्विन ने 4 और जडेजा ने 3 विकेट झटके।
पूरे मैच में भारतीय स्पिनर्स की कसी हुई गेंदबाजी के सामने श्रीलंकाई बल्लेबाजी बचकानी लगी, जबकि विकेट स्पिनर्स के लिए मुफिद नहीं थी। लेकिन अश्विन और जडेजा ने लगातार अच्छी लाइन पर गेंदबाजी की और श्रीलंकाई बल्लेबाजों को गेंद खेलने पर मजबूर किया। श्रीलंकाई बल्लेबाज एक-एक रन के लिए जूझते नजर आए। नतीजा यह रहा कि श्रीलंका की पहली पारी 205 पर सिमट गई। पहले दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया 1 विकेट के नुकसान पर 11 रन बना चुकी है। हालांकि पिच के इस अबूझे व्यवहार की वजह से विराट कोहली नाराज भी नजर आए।
वैसे नागपुर टेस्ट एक और मायने में दिलचस्प होता जा रहा है। 31 साल पहले 1986 में टीम इंडिया ने नागपुर में ही पहली बार श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच जीता था। दिलचस्प आंकड़ा ये है कि उस समय भी श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले पहले बल्लाबाजी का फैसला किया था। उस मुकाबले में भारतीय टीम श्रीलंका को पहली पारी में 204 रन पर आउट की थी। टीम इंडिया ने इसके बाद 6 विकेट पर 451 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी और वह मुकाबला 4 दिन में 106 रन से जीत लिया था। 31 साल बाद एक बार फिर नागपुर में वही कहानी दोहराई जा रही है। अगर मैच के दूसरे दिन भारतीय बल्लेबाज अच्छी शुरुआत करने में कामयाब हो गए लंका विजय पक्की समझिए।