अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने शुक्रवार को 2019 वर्ल्ड कप फाइनल के एक वीडियो के जरिए नस्लवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। ICC ने कहा कि क्रिकेट विविधता के बिना कुछ भी नहीं है। हाल ही में मिनियापोलिस में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद नस्लवाद और रंगभेद वैश्विक बहस का विषय का मुद्दा बना हुआ है।
46 वर्षीय जॉर्ज फ्लॉयड को 25 मई को एक पुलिस अधिकारी ने हथकड़ी लगाकर जमीन पर गिरा दिया था और उसकी गर्दन को अपने घुटने से तब तक दबाए रख जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई। फ्लॉयड की हत्या से अमेरिकी लोगों में जबरदस्त गुस्सा है और देश के कई शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं।
आईसीसी ने शुक्रवार को इंग्लैंड में खेले गए 2019 विश्व कप फाइनल की जीत के अंतिम क्षणों की एक वीडियो क्लिप पोस्ट की जिसमें बारबाडोस में जन्में जोफ्रा आर्चर न्यूजीलैंड के खिलाफ रोमांचक सुपर ओवर में गेंदबाजी करते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो के कैप्शन में आईसीसी ने लिखा, "विविधता के बिना क्रिकेट कुछ भी नहीं है। विविधता के बिना आपकी तस्वीर पूरी नहीं होती है।
गौरतलब है कि वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डेरेन सैमी ने 2 जून को ICC से नस्लवाद के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर ICC ऐसा नहीं करता तो वह इस समस्या का हिस्सा कहलाने के लिये तैयार रहें।
सैमी ने ट्विटर पर सिलसिलेवार पोस्ट में अश्वेतों की समस्याओं के बारे में लिखा,‘‘ताजा वीडियो देखने के बाद इस समय अगर क्रिकेट जगत अश्वेतों पर हो रही नाइंसाफी के खिलाफ खड़ा नहीं होगा तो उसे भी इस समस्या का हिस्सा माना जायेगा।’’
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सैमी ने कहा कि नस्लवाद सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अश्वेतों को झेलना पड़ता है। उन्होंने सवाल दागा,‘‘आईसीसी और बाकी सभी बोर्ड को क्या दिखता नहीं है कि मेरे जैसे लोगों के साथ क्या होता है। मेरे जैसे लोगों के साथ हो रही सामाजिक नाइंसाफी क्या नजर नहीं आती।’’
सैमी के बाद गेल ने भी इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी। गेल ने कहा कि नस्लभेद सिर्फ फुटबाल में नहीं है बल्कि क्रिकेट में भी है। गेल ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, "अश्वेत लोगों की जिंदगी भी दूसरों की जिंदगी की तरह मयाने रखती है। अश्वेत लोग मायने रखते हैं (ब्लैक लाइव्स मैटर)। नस्लभेदी लोग भाड़ में जाएं।"
कैरेबियाई खिलाड़ियों के बाद क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) बोर्ड ने भी नस्लवाद पर अपना एक बयान जारी करते हुए कहा कि "खेल में दुनिया को बदलने की ताकत है"। बोर्ड ने अपने बयान में कहा, "सभी तरह के नस्लवाद और असमानता के खिलाफ बोलने के लिये हम अपने खिलाड़ियों, अन्य क्रिकेट हितधारकों, सभी पुरूष खिलाड़ियों, सभी महिला खिलाड़ियों और खेल प्रशासकों के साथ हैं।"