नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और मशहूर कमेंटेटर सुनील गावस्कर का हितों के टकराव के चलते अब कमेंट्री बॉक्स में बने रहना मुश्किल हो गया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति के नए दिशा निर्देशों के तहत किसी भी कमेंटेटर को हितों के टकराव से जुड़ा हुआ हलफनामा देना होगा। इसके बाद ही बोर्ड के साथ उनका करार आगे बढ़ सकता है।
गावस्कर की स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी प्रोफेशन मैनेजमेंट ग्रुप कई क्रिकेटरों को मैनेज करने का काम करती है। जिसमें टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन भी शामिल हैं। ऐसे में यह हितों के टकराव का मामला बना सकता है। सीओए के पूर्व सदस्य और इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने अपने इस्तीफे में इस बात का आरोप लगाया था।
गावस्कर के सामने अब अपनी कंपनी में बने रहने और कमेंटेटर बनने में से किसी को चुनने का विकल्प है। खबरों की मानें तो गावस्कर कमेंट्री करना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने कंपनी में अपना हिस्सा किसी परिवार वाले के नाम करने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन सीओए को ये प्रस्ताव मंजूर नहीं है। गावस्कर को बता दिया गया है कि अगर उन्हें कमेंटेटर बने रहना है तो कंपनी में अपनी हिस्सा किसी परिवार वाले की बजाय किसी बाहर वाले के नाम करना होगा।
अब देखने वाली बात होगी कि गावस्कर अपनी कंपनी से जुड़े रहते हैं या फिर कमेंट्री बॉक्स से।