एडीलेड। भारत को आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के पांचवें दिन सोमवार को पुछल्ले बल्लेबाजों के जुझारूपन के कारण जीत के लिये इंतजार करना पड़ा। मैच के बाद कप्तान विराट कोहली ने कहा कि ऐसे मौके पर वह शांतचित नहीं थे। भारत ने आस्ट्रेलिया को 31 रन से हराकर चार मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बनायी। आस्ट्रेलिया के अंतिम चार बल्लेबाजों ने 107 रन जोड़े जिससे एक समय भारतीयों की भी चिंता बढ़ने लगी थी। कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘‘टेस्ट मैचों में ऐसा होता है। मैच में उतार चढ़ाव आते रहते हैं। बाधाएं भी आती हैं। उन्होंने वास्तव में अच्छा संघर्ष किया लेकिन हमने अपनी रणनीति अच्छी तरह से लागू की।’’ (Read also: पहला टेस्ट जीतकर टीम इंडिया ने रचा इतिहास, पहली बार ऑस्ट्रेलिया में जीत के साथ किया टेस्ट सीरीज का आगाज)
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन को निराशा थी कि उनकी टीम अप्रत्याशित जीत दर्ज नहीं कर पायी। पेन ने कहा, ‘‘यह हताशाजनक है लेकिन भारत जीत का हकदार था। हमें लग रहा था कि हम लक्ष्य हासिल कर सकते हैं लेकिन हमारे मुख्य बल्लेबाज लंबे समय तक नहीं टिक पाये। वे हमारे निचले क्रम के साथ टिककर बल्लेबाजी नहीं कर पाए। हमें पता था कि पिच कैसी हरकत कर रही है और हमने खुद के बात भी की थी कि हम लंबा खेलेंगे लेकिन दुर्भाग्य से मैं, ट्रैविस और शॉन उतनी देर तक बैटिंग नहीं कर पाए जितनी देर तक करनी चाहिए थी। मुझे लगता है पुजारा दोनों टीम के बीच मुख्य अंतर रहे। उसे आउट करना सच में बहुत मुश्किल है। हम पर्थ में इस विश्वास के साथ जाएंगे कि हम अब भी यह सीरीज जीत सकते हैं।’’ (Read also: Video: टीम इंडिया की जीत के बाद के एल राहुल के कैच पर विवाद, आखिरी विकेट पर उठे सवाल)
हालांकि जब भारतीय कप्तान से पूछा गया कि जब पुछल्ले बल्लेबाज इंतजार बढ़ा रहे थे तब क्या वे चिंतित थे, उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं बिल्कुल शांतचित था लेकिन आप अपनी भावनाओं को खुलकर उजागर नहीं कर सकते। जसप्रीत (बुमराह) को उसके आखिरी ओवर में मैंने सहज रहने को कहा। गेंदबाजों पर मुझे गर्व है। हमारे पास चार गेंदबाज थे और उन्होंने 20 विकेट लिये जो बड़ी उपलब्धि है। पूर्व में हम ऐसा नहीं कर पाये।’’
कोहली ने कहा कि भारत ने टेस्ट मैच में सामूहिक तौर पर अच्छा प्रदर्शन किया और उम्मीद जतायी कि उनके बल्लेबाज आगे भी अच्छी बल्लेबाजी करके गेंदबाजों के प्रयास को सफल करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि अगर बल्लेबाज नियमित तौर पर जिम्मेदारी उठाते हैं तो हम प्रत्येक टेस्ट मैच में जीत के लिये प्रयास करेंगे। सामूहिक रूप से हमारी टीम बेहतर थी और हम जीत के हकदार थे।’’
भारत की जीत के नायक चेतेश्वर पुजारा रहे जिन्होंने 123 और 71 रन की दो लाजवाब पारियां खेली तथा कप्तान ने भी उनकी सराहना की। कोहली ने कहा, ‘‘पुजारा ने अमूल्य पारी खेली। उनके धैर्य और प्रतिबद्धता से हमने वापसी की। हम जानते थे कि अच्छा स्कोर मेजबान टीम को संकोची बना देगा। कोई भी बढ़त महत्वपूर्ण होती और हमने 15 रन की बढ़त ली। इसके बाद दूसरी पारी में उसने और रहाणे ने शानदार बल्लेबाजी की।’’
कोहली से पूछा गया कि क्या 323 रन का लक्ष्य पर्याप्त था, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारा निचला मध्यक्रम और निचला क्रम अच्छा प्रदर्शन कर सकता था। हमें 30-35 रन और जोड़ने चाहिए थे जिससे मैच पूरी तरह से आस्ट्रेलिया के हाथ से निकल जाता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पर्थ जाने से पहले हम इन चीजों पर गौर करेंगे लेकिन अगर कोई सीरीज से पहले मुझसे कहता कि सीरीज शुरू होने पर हम 1-0 से आगे हो जाएंगे तो मैं इसे हाथों हाथ लेता।’’
मैन ऑफ द मैच पुजारा ने कहा कि यहां पूर्व में खेलने का अनुभव उनके काफी काम आया। उन्होंने कहा, ‘‘यहां पूर्व में खेलने के अनुभव का काफी फायदा मिला। इससे मेरी तैयारियों में मदद मिली। टेस्ट मैच जीतने पर श्रेय सभी गेंदबाजों को जाता है। पहली पारी में 15 रन की बढ़त से हमारा भरोसा बढ़ा।’’ पुजारा को अच्छा बल्लेबाज बनाने में उनके पिता की भूमिका अहम रही और उन्होंने उनका आभार भी व्यक्त किया। इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘यह बहुत मायने रखता है। उन्हें गर्व होगा। मैं अपने करियर में उनके समर्थन का आभार व्यक्त करता हूं।’’
(With input from PTI)