टीम इंडिया के वर्तमान कप्तान विराट कोहली, लिमिटेड ओवर्स फॉर्मेट के उपकप्तान रोहित शर्मा, और कई तमाम युवा खिलाड़ियों ने अपने बचपन में सचिन तेंदुलकर को खेलता देखकर बल्ला थामा। जिनकी बल्लेबाजी के कायल ये सभी खिलाड़ी आज भारतीय क्रिकेट ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में फेमस हैं। कुछ इसी तरह एक और टीम इंडिया के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना भी अपने बचपन के दिनों में सचिन तेंदुलकर के खासे दीवाने थे। जिनकी बल्लेबाजी देखने के लिए वो स्कूल तक बंक ( गोल ) कर देते थे।
दरअसल, 90 के दशक में सचिन तेंदुलकर शानदार फॉर्म में चल रहे थे। शारजाह में खेले जा रहे कोका कोला कप में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले रेतीले तूफ़ान के बीच शतक मारा और उसके बाद फ़ाइनल मैच में भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतकीय पारी खेलकर टीम इंडिया को खिताबी जीत दिलाई थी। ऐसे में उस समय को याद करते हुए रैना ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, "उस समय हमारे पास अपट्रान का टेलीविजन था और सिर्फ दूरदर्शन आता था। हम स्कूल के आखिरी दो पीरियड को बंक करते थे क्योंकि शारजाह में टूर्नामेंट चल रहा था। सचिन पाजी उस जमाने में ओपनिंग करते थे। हम केवल सचिन पाजी की बल्लेबाजी या द्रविड़ भाई को ही देखा करते थे। लेकिन सचिन के आउट होते ही हम निकल जाते थे। ”
सचिन के इन दो शतकों में से एक काफी ख़ास था। फ़ाइनल में जाने से एक मैच पहले सचिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बल्लेबाजी कर रहे थे। उसी समय शारजाह में रेतीला तूफ़ान आ गया और उसके जाने के बाद सचिन ने मैदान में चौके - छक्के से बवंडर ला दिया। इस तरह सचिन ने उस मैच में 143 रनों की ना सिर्फ शानदार पारी खेली बल्कि कम अंतर से हार के कारण टीम इंडिया फ़ाइनल पहुंची और तीसरी टीम न्यूजीलैंड को खराब रन रेट से हार के कारण टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा। इसके बाद फ़ाइनल मैच में तेंदुलकर ने एक बार फिर 134 रनों की शानदार पारी खेली और टीम इंडिया को कोका कोला कप जीताया।
इस तरह उस समय के बारे में रैना ने आगे कहा, "हम सिर्फ बच्चे थे। मैं उस समय सिर्फ 12 साल का था, सातवीं कक्षा में पढ़ता था। सचिन तेंदुलकर एक बड़ा नाम थे।“
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गौरतलब है की आईसीसी विश्वकप विजेता 2011 में सुरेश रैना टीम इंडिया का हिस्सा थे और उस समय वो सचिन के साथ ड्रेसिंग रूम भी शेयर करते थे। रैना ने तेंदुलकर के साथ बड़े होकर काफी क्रिकेट भी खेला है। इस तरह सचिन के शारजाह की पारी को याद करते हुए अंत में रैना ने कहा, "पाजी (तेंदुलकर) ने लगातार दो शतक बनाए, माइकल कास्परोविक की गेंद पर लंबा छक्का मारा। उसके ऊपर, टोनी ग्रेग की कमेंट्री, जो एक बड़ा नाम भी था। पाजी जिस रूप में थे, और जिस तरह की कमेंट्री की गई थी, हालाँकि उस समय हमारी अंग्रेजी अच्छी नहीं थी, लेकिन उनकी आवाज़ से जो उत्तेजना पैदा हुई, उसने इसे और खास बना दिया था।“