नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में बुधवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया टी-20 मैच परिणाम के लिहाज से दर्शकों के मन के लिए ही नहीं, बल्कि तन के लिए भी लाभकारी रहा। दिल्ली की दो बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कोम्स) में से एक BSES के अनुसार, इस मैच में डीजल जनरेटरों का इस्तेमाल न होने के कारण पर्यावरण को काफी लाभ हुआ। BSES ने अपने बयान में कहा, ‘ऐसा पहली बार हुआ कि फिरोजशाह कोटला मैदान पर आयोजित मैच बिना किसी डीजल जनरेटर के सफल रहा।’
इस मैच में डीजल जनरेटरों का इस्तेमाल न होने से पर्यावरण में 20 टन काबर्न डाइऑक्साइड की मात्रा कम रही, जो दर्शकों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी रहा। उल्लेखनीय है कि 18 अक्टूबर को पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) द्वारा दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसे ध्यान में रखते हुए भारत-न्यूजीलैंड टी-20 मैच में भी इसका इस्तेमाल नहीं किया गया। BSES के अनुसार, दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन ने मैच के लिए 3500 किलोवाट के अतिरिक्त भार के लिए अनुरोध किया, जबकि संकाय ने 1,800 किलोवाट बिजली के इस्तेमाल को ही मंजूरी मिली है।
बिना डीजल जनरेटरों की मदद के बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड ने अकेले ही बिना बिजली की कटौती के मैच के आयोजन की जिम्मेदारी संभाली। अगर स्टेडियम में जनरेटरों का इस्तेमाल होता, तो इसमें 7,500 लीटर डीजल का इस्तेमाल होता, जो वातावरण में 20 टन काबर्न डाइऑक्साइड फैलाता। इसके अलावा, इसके कारण वातावरण में नाइट्रोजन ऑक्साइड़ की मात्रा 120 किलोग्राम और पीएम-2.5 की मात्रा चार किलोग्राम बढ़ जाती। फिरोजशाह कोटला मैदान पर आयोजित इस मैच में भारत ने पहली बार किसी अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच में न्यूजीलैंड को मात दी। यह मैच दिग्गज भारतीय गेंदबाज आशीष नेहरा के क्रिकेट करियर का अंतिम मैच था। इस मैच के साथ ही उन्होंने क्रिकेट जगत से संन्यास ले लिया।