नई दिल्ली: आस्ट्रेलिया के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ब्रेट ली के निजी जीवन में एक ऐसी घटना हुई था कि आज वो बच्चों से जुड़ी एक समस्या को लेकर सारी दुनियां में जागरुकता फैला रहे हैं. वह बच्चे के जन्म के बाद होने वाले हियरिंग टेस्ट (सुनने की क्षमता की जांच) के प्रति जागरूकात फैलाने का काम कर रहे हैं.
ली के इस मिशन से जुड़ने का कारण थोड़ा व्यक्तिगत भी है. दरअसल पांच साल की उम्र में ली के बेटे ने गिर जाने के कारण अपनी सुनने की क्षमता खो दी थी. हालांकि, खुशनसीबी यह रही कि उनके बेटे की परेशानी बिना सर्जरी ठीक हो गई, लेकिन इसने ली को सोचने को मजबूर कर दिया और जब उन्हें हियरिंग मशीन बनाने वाली कंपनी कोकले के ब्रैंड एम्बेसडर बनने का मौका मिला तो उन्होंने तुरंत हामी भर दी.
इसी सिलिसिले में ब्रेट ली ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के गंगा राम अस्पताल में आयोजित न्यू बॉर्न हियरिंग स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया. ली इस कंपनी के ब्रैंड एम्बेसडर के तौर पर ही यहां आए हुए थे. ली के सामने डॉक्टरों ने एक ढाई घंटे पहले हुए बच्चे का हियरिंग टेस्ट किया जो सफल रहा. इस टेस्ट के बाद संवाददाताओं से ली ने कहा, "मेरा बेटा पांच साल की उम्र में गिर गया था. उसने दाएं कान से सुनने की क्षमता खो दी थी. जब उसका टेस्ट किया गया तो पता चला की उसकी सुनने की क्षमता सामान्य स्तर से काफी नीचे है. मैं उसे लेकर काफी चिंतित था. मैं परेशान था कि इस समस्या के साथ वो अपनी पढ़ाई कैसे करेगाए लेकिन खुशनसीबी से बिना सर्जरी के उसकी सुनने की झमता अपने आप वापस आ गई."
उन्होंने कहा, "इस घटना ने मुझे सुनने की क्षमता खोने जैसी गंभीर बिमारी के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया. मेरा काम इसके प्रति जागरूकता फैलाना है, लोगों को सूचित करना है. पिछले दो वर्षों में जो परिणाम निकल कर आए हैं उनसे मैं काफी खुश हूं. मुझे इससे खुशी मिलती है. यह ऐसी जिम्मेदारी है जिसे मैं काफी गंभीरता से लेता हूं."
ली ने इससे पहले बच्चे के हियरिंग टेस्ट को ध्यान से देखा और उस बच्चे के पिता को इसके लिए बधाई भी दी. उन्होंने इस मौके पर क्रिकेट पर बात करने से मना कर दिया। हालांकि उनसे जब पूछा गया कि क्या भारत इस बार इंग्लैंड को उसी के घर में मात दे पाएगा, तो उन्होंने हंसते हुए कहा, "मैं नहीं कह सकता. मैं इस बारे में आश्वस्त नहीं हूं।"