90 का दशक खत्म होने तक क्रिकेट जगत का नया सितारा उभरने के लिए तैयार हो रहा था, वो एक ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज था जिसका रन-अप, लोड-अप और 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद जाना देखने लायक था। जब ऑस्ट्रेलिया का विश्व क्रिकेट पर दबदबा हुआ करता था तब एक गेंदबाज ने क्रिकेट प्रेमियों में दिलों में जगह बनाई जो आज भी कायम है, उनका नाम ब्रेट ली है। आज ब्रेट ली अपना 45वां जन्मदिन मना रहे हैं। ली की मौजूदगी ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी अटैक को पूरा करती थी।
अपने 13 साल के क्रिकेट करियर के दौरान ब्रेट ली ने कई बड़े रिकॉर्ड्स कायम किए। वे ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बने थे। साथ ही वे टी-20 अंतरराष्ट्रीय में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बने थे। उनकी ये दोनो हैट्रिक आईसीसी इवेंट्स में ही आई थी, इससे ये साबित होता है कि वे एक दिग्गज खिलाड़ी थे। भारत के खिलाफ उन्होंने पांच विकेट लेते हुए टेस्ट डेब्यू किया था। आज उनके 45वें जन्मदिन के खास अवसर पर हम आपको उनके करियर के कुछ बड़े और अहम लम्हों से रूबरू करवाएंगे-
साल 1999 में ब्रेट ली ने बॉक्सिंग डे टेस्ट के दौरान भारत के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। पहले ओवर में ही उन्होंने अपना खौफ बल्लेबाजों के मन में पैदा किया और वो मैच उन्होंने पांच-विकेट लेकर खत्म किया। उनकी गति का सामना भारतीय टीम नहीं कर सकी और टीम ने बड़े अंतर से वो मैच गंवा दिया। इससे ये साबित हुआ कि ली ऑस्ट्रेलिया के लिए काफी लंबा खेलेंगे। इसके अलावा ली की घातक गेंदबाजी के दम कर ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका में जीत हासिल की थी। साथ ही कंगारू टीम ने भारत और श्रीलंका को उमके घर में जाकर मात दी थी। ब्रेट ली ने 76 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 310 विकेट लिए।
ब्रेट ली का वनडे करियर की कमाल का रहा था। उन्होंने अपनी पहली वनडे सीरीज में ही पांच-विकेट हॉल ले लिया था। ये सीरीज भी भारत के खिलाफ उन्होंने एडिलेड में खेली थी। उन्होंने अपने करियर में 221 वनडे मैच खेले जिसमें उन्होंने 380 विकेट लिए।
2003 विश्व कप में ब्रेट ली ने 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डाली थी और साउथ अफ्रीका में आसानी से विश्व कप जीता था।
ब्रेट ली का चेनसॉ ट्रेडमार्क सेलिब्रेशन था। अपने 15 साल के करियर में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को कई बार ऊंचाइयों पर पहुंचाया था। उन्होंने 2003 विश्व कप और 2009 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। जब ग्लेन मैक्ग्रा और शेन वॉर्न ने संन्यास लिया तब ब्रेट ली को नई गेंद थमाई जाती थी और वे रिकी पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियन अकैट को लीड करते थे।
जब ब्रेट ली भारतीय टीम के खिलाफ खेलते थे तब फैंस उनको और भी करीब से देखते थे, वजह थे सचिन तेंदुलकर। उसकी दौर में बल्लेबाजी में सचिन तेंदुलकर का दबदबा था लेकिन तब ब्रेट ली ऐसे गेंदबाज थे जो सचिन पर काबू कर सकते थे। ली ने कई बार सचिन से वनडे क्रिकेट में आउट किया है। सचिन वनडे में सबसे ज्यादा बार ली से ही आउट हुए हैं। वनडे क्रिकेट में ब्रेट ली ने सचिन को 9 बार आउट किया है। टेस्ट क्रिकेट में ली ने तेंदुलकर को 5 बार आउट किया है। कुल मिला कर सचिन ली से 15 बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आउट हुए हैं।
अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में ली ने कुल 720 विकेट लिए हैं। हालांकि फिर इंजरी के कारण उनकी गेंदबाजी में गिरावट आ गई और फिर वे दोबारा उतने घातक साबित नहीं हो सके। साल 2012 में बिग बैश बीग के बाद उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
क्रिकेट के अलावा ब्रेट ली एक अच्छे संगीतकार भी हैं। उन्होंने भारत में कई गाने बनाए। वे क्रिकेट जगत के जाने-माने कमेंटेटर भी हैं।