एक समय था जब भारतीय क्रिकेट को सचिन तेंदुलकर के नाम से जाना जाता था। टीम इंडिया के मैच के दौरान मैदान चारो ओर सचिन सचिन…के नारे से गुंजायमान हो उठता था। ऐसा लगता था टीम इंडिया नहीं बल्कि सिर्फ सचिन खेल रहे हो। उनके आउट होने के बाद भारतीय दर्शक मैदान छोड़कर चले जाते थे तो घरों में देखने वाले फैंस टेलीविजन सेट बंद कर देते थे। यही कारण है कि भारत के लोग सचिन को आज भी क्रिकेट के भगवान के रूप में मानते हैं।
जिनका आज यानी 24 अप्रैल को जन्मदिन है। ऐसे में उनके जन्मदिन के अवसर पर हम आपको सचिन की उन्ही कुछ ख़ास पारियों की याद दिलाएंगे। जब मैदान में मौजूद फैंस सचिन- सचिन के नारे लगाते थे और सचिन अपने बल्ले से मैदान के चारों और चौके – छक्के जड़ते थे।
शारजहां में रेतीले तूफ़ान के बीच तेंदुलकर का धमाल
शारजाह क्रिकेट ग्राउंड पर 22 अप्रैल 1998 को सचिन ने कोकाकोला कप के इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 131 गेंदों का सामना करते हुए धमाकेदार 143 रनों की पारी खेली थी लेकिन बावजूद इसके भारतीय टीम को इस मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। हलांकि टीम इंडिया इस कप के फ़ाइनल में पहुँचने में कामयाब रही। सचिन तेंदुलकर ने अपनी इस पारी में 9 चौके और 5 छक्के जमाए।
जन्मदिन के दिन मारा ‘शतक’
24 अप्रैल 1998 को अपने 25वें बर्थडे पर सचिन ने एक बार फिर शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में पहले 134 रनों की यादगार पारी खेली। सचिन ने इस शतकीय पारी में 12 चौके व तीन छक्के लगाए। सचिन ने कंगारू गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा डाली और मैदान के चारों कोनों से जमकर रन बटोरे। उन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ के साथ ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ से नवाजा गया।
2003 विश्वकप में पाकिस्तान के सपनों पर फेरा पानी
2003 के वर्ल्डकप में सेंचुरियन में पाकिस्तान के खिलाफ 75 गेंदों पर 12 चौके की मदद से 98 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली। टीम इंडिया ने सचिन की इस तूफानी पारी की मदद से 274 रन का लक्ष्य 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया था। इस पारी के बाद सचिन ‘मैन ऑफ द मैच’ के साथ इस टूर्नामेंट में ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ भी बने। जिसके बाद टीम इंडिया को फ़ाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना पड़ा।
हैदराबाद में कीवी गेंदबाजों पर बरसे सचिन
हैदराबाद में न्यूजीलैंड के खिलाफ 150 गेंदों पर 20 चौके व 3 छक्कों से सजी 186 रनों की पारी खेली। भारत ने इस मैच में सचिन के 186 और राहुल द्रविड़ के 153 रन (153 गेंद, 15 चौके व 2 छक्के) की मदद से 376 रन बनाए। न्यूजीलैंड की टीम 202 रन पर आउट होकर मैच 174 रन से हार गई। सचिन को ‘मैन ऑफ द मैच’ घोषित किया गया।
सचिन ने मारा अंतराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में पहला दोहरा
24 फरवरी 2010 को ग्वालियर में मास्टर-ब्लास्टर ने एक और कारनामा कर डाला। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने वनडे इतिहास का पहला दोहरा शतक अपने नाम किया। ये 200 रन उन्होंने 147 गेंदों पर बनाए। भारत ने यह मैच 153 रन से जीता। उन्होंने 37 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की। खुद सचिन ने इस पारी को करियर की यादगार पारी बताया है। हलांकि उसके बाद सचिन के इस रिकॉर्ड को उनके साथी वीरेंद्र सहवाग और फिर बाद में रोहित शर्मा के साथ तमाम बल्लेबाजों ने दोहरा शतक जड़ा। जिसमें सबसे ज्यादा वनडे क्रिकेट में 3 दोहरे रोहित के नाम हैं।