दिल्ली/मेरठ। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के सचिव विनोद तिहाड़ा कथित रूप से ‘जीएसटी मानदंडों का पालन’ नहीं करने के कारण इन दिनों जेल में हैं जबकि अटकलें लगायी जा रही थीं कि वह कोविड-19 के लक्षण के कारण खुद को आइसोलेशन रखे हुए हैं। उनसे कोई भी संपर्क नहीं कर पा रहा था। मेरठ एसएसपी अजय साहनी ने पीटीआई से कहा, ‘‘दिल्ली के निवासी विनोद तिहाड़ा नाम के व्यक्ति को जीएसटी मानदंडों के उल्लंघन के आरोप में 17 मार्च को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की नोएडा शाखा द्वारा गिरफ्तार किया गया था और वह इस समय मेरठ जेल में हैं।’’
हालांकि उन पर उल्लंघन का जो आरोप लगा है, वह किस तरह का था, इसको लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। तिहाड़ा बीसीसीआई में दिल्ली क्रिकेट के प्रतिनिधि हैं और राज्य की क्रिकेट संस्था के प्रभावी अधिकारी हैं। मार्च के मध्य से ही उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है जिससे उनके गुट के सदस्यों सहित डीडीसीए अधिकारी घबराये हुए थे।
बाद में साहनी के बयान की पुष्टि मेरठ जेल के अधीक्षक डा बी पी पांडे से हुई जिन्होंने तिहाड़ा के खिलाफ लगे आरोपों की और जानकारी दी। पांडे ने कहा, ‘‘दिल्ली के रोहिड़ी निवासी विनोद तिहाड़ा 17 मार्च से मेरठ जेल में हैं। उनके मुकदमे का नंबर 2/20 है और उन्हें सीमा शुल्क अधिनियम 132 और 135 के अंतर्गत आरोपित किया गया है। ’’
डीडीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘काफी समय तो हमें लगा कि विनोद को कोविड-19 के लिये पॉजिटिव पाया जा चुका है। एक दो लोगों ने उनके परिवार के सदस्यों से संपर्क किया था तो उन्हें बताया गया कि वह अलग रह रहे हैं। उनका फोन पिछले एक महीने से बंद हैं।’’
धन की हेराफेरी को लेकर डीडीसीए के लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दीपक वर्मा द्वारा स्काइपे पर आयोजित हालिया ऑनलाइन सुनवाई के दौरान संस्था के एक वकील और उनके करीबी ने शीर्ष परिषद के सदस्यों को बताया कि उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम सभी परेशान हो गये क्योंकि 15 मार्च तक हम सभी तिहाड़ा से अलग अलग जगहों पर मिले थे। हमने उन्हें कहा कि हमें इस बारे में सूचित क्यों नहीं किया गया क्योंकि हमें भी खुद को सेल्फ आइसोलेशन में रखने की जरूरत थी।’’
उन्होंने कहा,‘‘तब उन्होंने कहा कि अगर आप लोग कोविड-19 पॉजीटिव होते तो तुम्हें अभी तक पता चल जाता। यह बहुत ही संदेह वाली बात थी।’’
लॉकडाउन के कारण यह तो समझा जा सकता है कि उनकी जमानत की याचिका टाल दी गयी है।