क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पहली बार शून्य पर आउट कर भुवनेश्वर कुमार ने खूब सुर्खियां बटौरी थी। 2009 में उत्तर प्रदेश की टीम से खेलते हुए भुवी ने 14 गेंदों में सचिन को अपना शिकार बनाया था। सचिन जैसे महान खिलाड़ी को आउट करने का पल हर गेंदबाज के लिए खास होता है। इस बात को अब लगभग 11 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी उस पल को याद कर भुवी के रौंगटे खड़े हो जाते हैं।
एक वेबिनार में भुवी ने इस किस्से को दोबारा साझा करते हुए बताया कि सचिन को आउट करने से एक दिन पहले वो उनसे लिफ्ट में मिले थे। भुवी ने कहा "हम मैच के दौरान एक ही होटल में ठहरे थे। तो मैं होटल में अपने कमरे से बाहर आ रहा था और मैंने देखा कि सचिन तेंदुलकर का कमरा मेरे बगल में था। इसलिए मैं अपने कमरे में वापस चला गया और दरवाज़े को आधा बंद कर दिया। ऐसा इसलिए किया क्योंकि जब सचिन पाजी अपने कमरे से बाहर निकले और लिफ्ट की तरफ बढ़े तो मैं कमरे से बाहर निकलूं।"
भुवनेश्वर ने आगे कहा "लिफ्ट के अंदर मैं उनको नोटिस कर रहा था जब वह फोन में बिजी थे। मैं उनसे बहुत ज्यादा प्रभावित था और मैं बस देख रहा था कि वह मैच से पहले कैसा व्यवहार कर रहे हैं।"
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भुवी ने कहा "जब मैं उन्हें गेंदबाजी करने वाला था तो मैं ये सोच रहा था कि मैं उन्हें गेंदबाजी करने जा रहा हूं। मैं इस पर ध्यान नहीं दे रहा था कि मुझे कैसी गेंदबाजी करनी है। एक 19 साल का बच्चा जब दुनिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज को गेंदबाजी करता है तो उसे विश्वास नहीं होता कि वो ऐसा कर रहा है। यह मेरे लिए शानदार और प्रेरणादायक पल था।"
भुवी ने सचिन के उस विकेट का श्रेय मोहम्मद कैफ को भी दिया। सचिन उस मैच में शॉर्ट लेग की दिशा में कैच आउट हुए थे और आमतौर पर वहां कोई फील्डर खड़ा नहीं होता, लेकिन कैफ ने भुवी के लिए वहां एक फील्डर खड़ा किया जिसके बाद वह सचिन को आउट कर पाए।
भुवनेश्वर कुमार ने कहा "मैं हमेशा कहता हूं कि उस विकेट का श्रेय भी कैफ को जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने फील्डर को को बहुत ही अजीब जगह खड़ा किया था। आमतौर पर फील्डर वहां खड़े नहीं होते हैं, लेकिन गेंद फील्डर के पास गई और उसने कैच लपकने में कोई गलती नहीं की। तो मैं कहूंगा कि कैफ को भी श्रेय जाना चाहिए।"