साउथ अफ्रीका के खिलाफ जबसे भारतीय टेस्ट टीम का ऐलान हुआ तबसे एक सवाल जोरो पर हैं कि आखिर भुवनेश्वर कुमार को टेस्ट टीम में जसप्रीत बुमराह के चोटिल होने के बावजूद जगह क्यों नहीं दी गई। जबकि भुवी ने जो पिछला टेस्ट साल 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में खेला था उसमें उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया था। ऐसे में सवाल खड़ा होना लाजमी है कि आखिर मैन ऑफ द मैच प्रदर्शन के बावजूद भुवी दोबारा टेस्ट क्रिकेट के मैदान में क्यों नहीं उतर पाए। इस बारें में भुवी के कोच विपिन वत्स ने इंडिया टी. वी. से फोन पर बातचीत में साफ़ कर दिया कि आखिर क्या कारण हैं जो भुवी लाल बॉल के खेल से दूर है।
भुवनेश्वर कुमार के बचपन के कोच विपिन वत्स से जब भुवी के टेस्ट क्रिकेट में ना खेलने के बारे में पूछा गया तो वो इस बात से बिल्कुल भी अचंभित नहीं थे। उन्होंने कहा, " टीम मैनेजमेंट नए-नए लड़कों को मौका देना चाहता है वो भविष्य के बारे में सोच रहे हैं। उन्हें अच्छे से पता है कि भुवनेश्वर को कब और कहाँ मौका देना है। मुझे इसके बारें में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।"
टीम मैनजेमेंट की बात करें तो कोच रवि शास्त्री ने अपने बयान में कहा था कि भारतीय टीम के टेस्ट क्रिकेट में इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह तीन फ्रंट लाइन तेज गेंदबाज है। उसके बाद उमेश यादव और नवदीप सैनी का नंबर आता है। जबकि कोच शास्त्री ने लाल बॉल के स्विंग सरताज कहे जाने वाले भुवनेश्वर कुमार को लिमिटेड ओवर का गेंदबाज बताया।
ऐसे में सवाल उठता है की लगभग 30 साल के होने वाले भुवनेश्वर कुमार का टेस्ट क्रिकेट करियर क्या धीरे-धीरे धूमिल होता जा रहा है। इस बात पर भुवी के कोच ने कहा, "उनकी उम्र भी एक बड़ा फैक्टर है। वो जब 2 साल के थे तबसे मेरे शिष्य हैं। मैंने उन्हें हमेशा सिखाया था कि जो 20 साल में आप हासिल करेंगे वो 24 में अलग होगा और 28 में अलग, जीवन के कई चक्र होते हैं। इसलिए जब आप 30 साल के हो जाते हैं तो आपको अपना 'वर्कलोड' कम करना होता है। जिसके चलते शायद भुवी को टेस्ट क्रिकेट से दूर किया गया। लम्बे-लम्बे स्पेल डालना भुवी के लिए ठीक नहीं है।"
इतना ही नहीं कोच विपिन ने आगे कहा, "जब उसे इंग्लैंड में पीठ में दर्द उठा था तब मैंने उसे काफी समझाया था। जिसके बाद भी उसे और कई चोटों का सामन करना पड़ा। ऐसे में अगर टीम मैनेजमेंट भुवनेश्वर कुमार को टेस्ट क्रिकेट में ना खिलाकर वर्कलोड कम करना चाहता है तो इसमें भुवी के लिए अच्छा है। वो टीम इंडिया के बड़े मिशन वर्ल्ड कप का हिस्सा है। मैं इससे संतुष्ट हूँ। "
गौरतलब है कि पिछले एक साल में भुवनेश्वर कुमार को कई बार चोटों से झुझना पड़ा है जिसके चलते कहीं ना कहे उनकी लय भी खोई है। हालाँकि भुवनेश्वर कुमार ने मैदान में हमेशा शानदार वापसी की है और खुद को साबित किया है। ऐसे में शायद अधिक कार्यभार यानी वर्कलोड और बढती उम्र के चलते उन्हें टेस्ट क्रिकेट से दूर किया गया है। उन्होंने अपने करियर में अभी तक 21 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उनके नाम 24 की औसत के साथ 86 विकेट शामिल है।
बता दें कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज की शुरुआत 2 अक्टूबर से हो रही है। जिसका पहला टेस्ट मैच विशाखापत्तनम में खेला जाएगा।