नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा हार्दिक पांड्या को हाल ही में वेस्टइंडीज दौरे पर आराम दिया गया था। पांड्या ने इस ब्रेक में आराम करने के बजाए मेहनत करना पसंद किया। वह दिन में दो बार ट्रेनिंग करते थे। मुंबई में जारी भारी बारिश के कारण उन्हें ट्रेनिंग करने में समस्या हुई तो वह बड़ौदा चले गए।
पांड्या की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रविवार से शुरू हो रही तीन मैचों की टी-20 सीरीज के लिए टीम में वापसी हुई है। उन्होंने आईएएनएस से कहा कि वह ब्रेक में अपनी फिटनेस पर काम कर रहे थे और अब दक्षिण अफ्रीकी चुनौती के लिए तैयार हैं।
पांड्या ने कहा, "मेरे लिए यह ब्रेक काफी जरूरी था क्योंकि आईपीएल काफी लंबा रहा और उसके बाद विश्व कप था। दोनों टूर्नामेंट में मैंने अच्छा किया था। इसलिए मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश में था और इसके लिए मेरे शरीर को आराम करने की जरूरत थी क्योंकि बचाव इलाज से काफी बेहतर होता है। तभी टीम प्रबंधन ने फैसला किया कि मुझे आराम दिया जाएगा और मैं दक्षिण अफ्रीकी सीरीज में वापसी करूंगा।"
उन्होंने कहा, "न ही टीम प्रबंधन और न ही मैं, यह चाहते थे कि चोट लगे। आराम ने मेरी काफी मदद की और मेरी फिटनेस अब एक अलग स्तर पर पहुंच गई है। मैंने पिलेट्स (एक तरह की एक्सरसाइज जो योग के समान होती है) करना शुरू किया और इससे मुझे मदद मिली। यह क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए कोई अलग बात नहीं है। इसलिए मैं देखना चाहता था कि यह कैसे काम करती है और इसने मेरे लिए अच्छा काम किया। बीते एक महीने में मैंने दिन में दो बार ट्रेनिंग की है। मेरी पीठ की समस्या को दूर करने के लिए यह जरूरी था कि मैं कुछ नया करूं।"
पांड्या से अचानक बड़ौदा जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मुंबई में काफी बारिश हो रही थी, इसलिए मैंने सिर्फ दो घंटे में फैसला किया कि मैं अपने घर वापस जाऊंगा और दक्षिण अफ्रीका सीरीज के लिए तैयारी करूंगा।"
भारत को इंग्लैंड के में खेले गए विश्व कप में सेमीफाइनल में हार मिली थी। इसने पांड्या को परेशान जरूर किया लेकिन यह हरफनमौला खिलाड़ी अब आगे की तरफ देख रहा है और उनका ध्यान अब अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप पर है।
दाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने कहा, "यह काफी मुश्किल था। हम सभी ने एक सा दर्द महसूस किया, लेकिन जिंदगी का नाम आगे बढ़ना है। मैं ज्यादा निराश तब होता जब हम अपने प्रदर्शन के साथ न्याय नहीं करते। मुझे लगता है कि एक टीम के नाते हम चैम्पियन की तरह खेले, सिर्फ वो 30 मिनट छोड़कर। मुझे लगता है कि हर कोई शानदार खेला और हर किसी ने अपना योगदान दिया। हम अब आगे बढ़ गए हैं और अगले विश्व कप पर ध्यान देना चाहते हैं और उसे जीतना चाहते हैं।"
दक्षिण अफ्रीका सीरीज को लेकर निर्धारित किए गए लक्ष्य के बारे में पूछने पर पांड्या ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैं कोई लक्ष्य नहीं बनाता क्योंकि मुझे लगता है कि कुछ अलग हटकर चीजें होती हैं। मैं बस तैयारी करने पर ध्यान देता हूं। उन जगहों पर ध्यान देता हूं जहां मुझे काम करना है। मुझे लगता है कि चमत्कार होते हैं। इसलिए मैं अपने खेल से जवाब देता हूं और स्थिति के हिसाब से जाता हूं। आप नहीं जानते कि टीम कब बुरी स्थिति में हो और मैं उस स्थिति में कुछ चमत्कार कर जाऊं। मैं इस पर ध्यान देता हूं। दक्षिण अफ्रीका एक अच्छी टीम है।"
हरफनमौला खिलाड़ी होना आसान नहीं है और पांड्या कहते हैं कि ऐसे में काम के बोझ को संभालना सबसे जरूरी होता है क्योंकि खिलाड़ी को बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर बराबर ध्यान देना होता है।
उन्होंने कहा, "यह थोड़ा मुश्किल होत है क्योंकि जितना समय मैं बल्लेबाजी पर मेहनत करता हूं, उतनी ही मेहनत मुझे गेंदबाजी पर करनी होती है। मैं उतनी ही गेंदें फेंकता हूं जितनी कोई गेंदबाज और उतनी ही देर बल्लेबाजी करता हूं जितनी देर बाकी के बल्लेबाज करते हैं। इसलिए मेरे लिए जरूरी है कि मैं ज्यादा फिट रहूं और अपनी फिटनेस पर काम करूं। यह अभी तक आसान नहीं रहा है और अब मुझे हर समय अपने वर्कलोड मैनेजमेंट पर ध्यान देना होता है।"