मुंबई। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने गुरुवार को रवि शास्त्री का समर्थन करते हुए कहा कि लोगों के बीच मुख्य कोच के कप्तान की हां में हां मिलाने से जुड़ी जो धारणा बढ़ रही है वह उनके लिए अब तक की सबसे अजीब चीज है। भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होने से पूर्व आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कोहली ने कहा, ‘‘यह सबसे अजीब चीज है जो मैंने सुनी है। भारतीय क्रिकेट में मुझे नहीं लगता कि मेरी बातों पर उनसे अधिक ना और कोई व्यक्ति कहता है। वह ऐसे व्यक्ति हैं जिनसे मैं बात कर सकता हूं और मुझे निष्पक्ष नजरिया मिल सकता है। मैंने अतीत में उनकी बात सुनने के बाद किसी और की तुलना में अपने खेल में अधिक बदलाव किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहद निजी चीजें हैं जो टीम के माहौल में होती हैं। जो चीजें जरूरी हैं वह हम टीम में करते हैं। हम बैनर लेकर यह घोषणा नहीं करने वाले कि भारतीय टीम में क्या हो रहा है।’’ कप्तान ने 21 नवंबर से शुरू हो रही तीन टी20, चार टेस्ट और तीन एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला के लिए टीम के ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले टीम के सामने जो मुद्दे हैं उन पर अपना पक्ष रखा।
कोहली ने कहा कि उन्होंने ही नहीं बल्कि अन्य खिलाड़ियों ने भी शास्त्री ने काफी कुछ सीखा है। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘जब से हमने इस टीम को तैयार करना शुरू किया तब से उनका योगदान यह है कि उन्होंने लोगों में भरोसा जताया कि वे यहां पहुंचने के हकदार हैं। 2014 (इंग्लैंड दौरा) में हम सभी को मुश्किल समय से गुजरना पड़ा और मेरा इससे बाहर निकल पाना और शिखर (धवन) का 2015 विश्व कप के प्रदर्शन से, इसका श्रेय उन्हें दिया जा सकता है। उन्हें (शास्त्री) पता है कि खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कैसे कराया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस स्तर पर मानव प्रबंधन से महत्वपूर्ण होता है और रवि भाई ने इसे शानदार तरीके से किया है। लोगों का अपना नजरिया हो सकता है। हमें अपना जीवन जीना होगा। हम ऐसी किसी चीज को नहीं रोक सकते जो वास्तविक रूप से हो रही है। कुछ भी धोखे से तैयार नहीं किया जा रहा।’’
दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में बल्लेबाजों ने निराश किया जिससे भारत ने लगातार दोनों श्रृंखलाएं गंवाई। स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर के निलंबन के कारण भारत के पास ऑस्ट्रेलिया में पहली बार श्रृंखला जीतने का अच्छा मौका है लेकिन कोहली काफी आगे के बारे में नहीं सोच रहे। कोहली ने विशेषकर बल्लेबाजी के संदर्भ में कहा, ‘‘सुधार की काफी गुंजाइश है। हमने टीम के रूप में भी यह महसूस किया है। हम समझ सकते हैं कि हमें किस चीज पर काम करने की जरूरत है इसलिए यह व्यक्तिगत खिलाड़ियों पर निर्भर करता है कि वे जिम्मेदारी लें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड दौरे के बाद हमने कई चीजों पर चर्चा की, क्या गलत हुआ। हमें लगता है कि हमने काफी चीजें गलत नहीं की लेकिन जो भी सही नहीं था वह काफी अधिक हो गया। हमने अच्छा क्रिकेट खेला लेकिन गलतियां भी काफी बड़ी थी।’’ इसके विपरीत गेंदबाजों ने दो विदेशी दौरों पर अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन कोहली ने कहा कि अगर सीरीज जीतनी है तो सभी विभागों को एक साथ अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
उन्होंने दक्षिण अफ्रीका का उदाहरण दिया जो ऑस्ट्रेलिया में हाल के समय में टेस्ट श्रृंखला जीतने वाली कुछ टीमों में से एक है। कोहली ने कहा, ‘‘यही कारण है कि दक्षिण अफ्रीका ने अच्छा प्रदर्शन किया। उनके पास मोर्ने मोर्कल, जैक कैलिस, डेल स्टेन और अब कैगिसो रबाडा हैं। वे विकेट हासिल करने के लिए लगातार सही लेंथ के साथ गेंदबाजी करते हैं। हमारे खिलाड़ी भी ऐसा करने में सक्षम हैं लेकिन मैं इस पर फोकस नहीं करना चाहता। बल्लेबाजों को भी बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत है।’’ कप्तान ने एक बार फिर दोहराया कि निचले क्रम के बल्लेबाजों का योगदान देना महत्वपूर्ण है।