बीसीसीआई ने अपनी वेबसाइट पर टाइमलाइन पोस्ट करते हुए कहा कि रिद्धिमान साहा के कंधे की सर्जरी मैनचेस्टर में जुलाई के अंत या अगस्त के शुरू में होगी। हालांकि इस टाइमलाइन से और अधिक सवाल खड़े हो गए हैं कि एनसीए ने कैसे उनके रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम में कथित गड़बड़ी की। बीसीसीआई ने बयान में कहा, ‘‘रिद्धिमान साहा के कंधे की सर्जरी मैनचेस्टर में जुलाई के अंत में या अगस्त के पहले हफ्ते में होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन के मैनचेस्टर में डॉक्टर लेनार्ड फंक ये सर्जरी करेंगे। भारतीय टीम प्रबंधन और परिचालन प्रबंध निदेशक की निगरानी में एनसीए में उनका उपचार किया गया था।’’ साहा को इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए नहीं चुना गया लेकिन बोर्ड ने उनकी फिटनेस समस्या के बारे में पूरी बात का खुलासा नहीं किया।
बीसीसीआई ने अपने बचाव में कहा है कि एनसीए में उनका पूरा उपचार भारतीय टीम प्रबंधन और परिचालन प्रबंध निदेशक की देखरेख में किया गया था। बीसीसीआई की टाइमलाइन से कई सवाल खड़े होते हैं कि सबा करीब (महाप्रबंधक) की अगुवाई वाले क्रिकेट परिचालन ने इस पूरे मुद्दे को कैसे निपटाया। इसके अनुसार, ‘‘साहा ऊपरी हैमस्ट्रिंग में दर्द के बाद 29 जनवरी को एनसीए में पहुंचे। उन्होंने साथ ही कंधे में दर्द की शिकायत भी की। फरवरी में उनका एमआरआई स्कैन किया गया जिसमें लैबरल टीयर का खुलासा हुआ।’’ इसका मतलब है कि उन्हें पहली कंधे की चोट जनवरी में लगी थी जिसका बीसीसीआई ने अंत में जुलाई में खुलासा किया। एनसीए का कोई भी अधिकारी बयान नहीं देना चाहता। टाइमलाइन के अनुसार इंजेक्शन लेने और करीब छह महीने के रिहैब के बाद साहा को 19 मार्च को आईपीएल शुरू होने से महज ढाई हफ्ते पहले फिट करार कर दिया गया। साहा को फिर से सात मई को कंधे की चोट लग गई और उन्हें दिल्ली में अल्ट्रासाउंड इंजेक्शन दिए गए। उन्हें पांच आईपीएल मैचों का आराम दिया गया।
इस दौरान 15 मई को साहा ने एनसीए के मुख्य फिजियो आशीष कौशल को दिखाने का आग्रह किया ताकि वो उनके दायें कंधे की समीक्षा कर सकें। उन्होंने इसका आकलन किया और पाया कि ये जनवरी-फरवरी वाली ही स्थिति की तरह था। आशीष ने सनराइजर्स के फिजियो को इसके बारे में बताया और उनका रिहैब का कोर्स जारी रखा। टीम इंडिया के फिजियो को इन सबके बारे में सूचित किया गया। अगला सवाल ये है कि अगर कौशिक ने साहा की स्थिति का आकलन किया था जो जनवरी-फरवरी की स्थिति जैसी थी तो सनराइजर्स हैदराबाद या बीसीसीआई ने उन्हें 25 मई को आईपीएल मैच में खेलने की अनुमति कैसे दे दी।
अगर ये पहले जैसी स्थिति थी तो वो 10 दिन में इतनी जल्दी कैसे उबर सकते हैं? बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी से तब पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘आपका आकलन भी मेरी तरह ही है। ’’ तीन से 13 जुलाई के बीच साहा की कंधे की चोट की स्थिति खराब हो गई और स्टेराइड के इंजेक्शन से भी कुछ असर नहीं हुआ।