टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत ने अपने सफर का अंत नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल के साथ किया। इसी के साथ भारत ने इस ओलंपिक में 7 मेडल अपने नाम किए और यह भारत का ओलंपिक खेलों में अब तक कब सबसे बेस्ट प्रदर्शन है। इससे पहले भारत ने 2012 में 6 मेडल जीते थे। बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड) ने अब ओलंपिक मेडलिस्ट को इनाम देने का ऐलान किया है। बता दें, इस साल मीराबाई चानू, पीवी सिंधु, लवलीना, रवि दहिया, पुरुष हॉकी टीम, बजरंग पूनिया और नीरज चोपड़ा ने भारत को मेडल जीताकर गर्व करने का मौका दिया है।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए इसका ऐलान किया है। गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा को बीसीसीआई 1 करोड़ रुपए देगी, वहीं सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू और रवि दहिया को 50-50 लाख रुपए मिलेंगे। ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली पीवी सिंधु, लवलीना और बजरंग पूनिया को जय शाह ने 25-25 लाख रुपए देने का ऐलान किया और कांस्य पदक विजेता पुरुष हॉकी टीम को 1.25 करोड़ रुपए का इनाम मिलेगा।
बात नीरज चोपड़ा के मुकाबले की करें तो हरियाणा के खांद्रा गोव के एक किसान के बेटे 23 वर्षीय चोपड़ा शुरू से ही आत्मविश्वास से भरे हुए थे और किसी भी समय दबाव में नहीं दिखे। वह एक ‘रॉकस्टार’ की तरह आये और तोक्यो ओलंपिक को भारत के लिये अभी तक का सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक बना गये। चोपड़ा ने बाद में कहा, ‘‘विश्वास नहीं हो रहा। पहली बार है जब भारत ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है इसलिये मैं बहुत खुश हूं। हमारे पास अन्य खेलों में ओलंपिक का एक ही स्वर्ण है। ’’
चोपड़ा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता था। चेक गणराज्य के जाकुब वादलेच ने 86.67 मीटर भाला फेंककर रजत जबकि उन्हीं के देश के वितेजस्लाव वेस्ली ने 85.44 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और कांस्य पदक हासिल किया।
नीरज को ओलंपिक से पहले ही पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। उन्होंने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका था और वह शुरू से ही पहले स्थान पर चल रहे थे। तीसरे प्रयास में वह 76.79 मीटर भाला ही फेंक पाये जबकि चौथे प्रयास में फाउल कर गये। उन्होंने अपने आखिरी प्रयास में 84.24 मीटर भाला फेंका लेकिन इससे पहले उनका स्वर्ण पदक पक्का हो गया था।