मुंबई। महिला टी-20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के सेमीफाइनल मैच में मिताली राज को टीम में न शामिल करने के कारण उठे विवाद ने बड़ा रूप ले लिया है। वेबसाइट 'ईएसपीएन' की रिपोर्ट के अनुसार, इस बढ़े विवाद के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की प्रशासकों की समिति (सीओए) ने टूर्नामेंट में मिताली के फिटनेस की जानकारी मांगी है। सोमवार को टीम के मुख्य कोच रमेश पवार और प्रबंधक तृप्ती भट्टाचार्य सोमवार को सीओए और जौहरी से मुलाकात कर टी-20 विश्व कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन की रिपोर्ट भी सौपेंगे।
सीओए ने सेमीफाइनल मैच से पहले हुई चयन समिति की बैठक की जानकारी मीडिया में लीक होने पर चिंता भी जताई और इस मामले में बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों सहित मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी से भी स्पष्टीकरण की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मैच में टीम की सबसे अनुभवी बल्लेबाज मिताली को ही बैंच पर बैठाया गया और इस मैच में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। इस कारण मिताली को सेमीफाइनल मैच में शामिल न करने का विवाद खड़ा हो गया और इसने अब बड़ा रूप ले लिया है।
इस टूर्नामेंट में आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में घुटने की चोट के कारण मिताली बाहर थी, लेकिन उससे पहले खेले गए दो मैचों में उन्होंने लगातार अर्धशतकीय पारियां खेली थीं। सेमीफाइनल मैच से एक दिन पहले उन्हें फिट घोषित कर दिया गया था। बावजूद इसके प्रबंधन ने उन्हें बैंच पर बैठाकर आस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत हासिल करने वाली अंतिम एकादश को बरकरार रखने का फैसला किया।
इस फैसले के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए तृप्ती ने कहा, "एक प्रबंधक के तौर पर मैंने बैठक बुलाई। कप्तान कोच और चयनकर्ता ने विकेट के बारे में चर्चा की और कोच ने यह दर्शाया कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत हासिल करने वाली अंतिम एकादश को ही सेमीफाइनल मैच के लिए बरकरार रखना चाहिए।"
तृप्ती ने बताया कि कोच के इस विचार से कप्तान हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना सहमत थीं। इस बारे में उन्होंने चयनकर्ता सुधा सिंह को जानकारी दी। जौहरी और बीसीसीआई के महाप्रबंधक सबा करीम का मानना है कि उन्हें मीडिया में लीक हुई सूचना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।