नई दिल्ली: राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) की क्रिकेट खिलाड़ियों के डोप परीक्षण की मांग को आज भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने यह कहते हुये खारिज कर दिया कि इस सरकारी संस्था के अधिकार क्षेत्र में क्रिकेटरों का डोप परीक्षण करना नहीं है।
बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जोहरी ने नाडा प्रमुख नवीन अग्रवाल को पत्र लिखकर साफ किया कि बीसीसीआई राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) का हिस्सा नहीं है और ऐसे में वह क्रिकेटरों का परीक्षण नहीं कर सकती और बीसीसीआई की डोपिंग रोधी प्रणाली काफी मजबूत है। उन्होंने कहा, ‘‘यहां यह उल्लेख करना प्रसांगिक है कि बीसीसीआई एनएसएफ का हिस्सा नहीं है। इसलिये नाडा के पास बीसीसीआई के तहत आयोजित होने वाले घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने वाले खिलाड़ियों के डोप परीक्षण करने का अधिकार नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उपरोक्त कथन के अनुसार इसकी कोई जरूरत नहीं है कि बीसीसीआई के अधिकारी मैच के दौरान या बाद में क्रिकेटरों के डोपिंग परीक्षण के लिये नाडा से सहयोग करें।’’
बीसीसीआई ने यह जवाब सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैनात प्रशासकों की समिति की सलाह से दिया है। इस मामले में जोहरी ने नाडा प्रमुख के अलावा खेल सचिव को भी लिखा है, जिन्होंने अक्तूबर में बीसीसीआई से नाडा के साथ सहयोग करने की मांग की थी। मंत्रालय ने कहा कि नाडा को बीसीसीआई का सहयोग नहीं मिलने के कारण उस पर विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगेगा।
जोहरी ने कहा कि बीसीसीआई की डोपिंग रोधी प्रणाली काफी मजबूत है। उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई की डोपिंग रोधी प्रणाली पहले से ही काफी मजबूत है जिसमें प्रतियोगिता के दौरान और प्रतियोगिता के बाद खेल मंत्रालय के नियमों के तहत वाडा से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में डोप जांच की जाती है।’’उन्होंने दावा किया कि बीसीसीआई वाडा के नियमों के तहत काम करता है। उन्होंने कहा, ‘‘आप इस बात की तारीफ करेंगे कि नमूनों के परीक्षण और जांच के लिये बीसीसीआई वाडा के नियमों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाओं में जांच और परीक्षण कराती है।’’