वर्तमान के बीसीसीआई अध्यक्ष व भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की कप्तानी के तले भारत के कई दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ियों ने खेला। जिसमें सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग और वीवीएस लक्षमण के रूप में उनके पास शानदार बल्लेबाजी क्रम था। जिसे गांगुली ने 2000 के दशक का सबसे मजबूत बल्लेबाजी लाइन अप बताया। जबकि सबसे बड़ा मैच विनर के रूप में उन्होंने वीरेंद्र सहवाग को चुना।
सौरव गांगुली ने इंडिया टुडे को दिए साक्षात्कार में बताया, "सहवाग उस दशक के सबसे बड़े मैच विनर बल्लेबाज थे।" ऐसे में सहवाग को बल्लेबाजी क्रम में उपर भेजने और उन्हें अपनी आक्रामक शैली में खेलने के लिए दी जाने छूट के बारे में गांगुली ने कहा, "मेरा अपना विश्वास था। मैंने उनसे कहा कि सुनो कोई भी बल्लेबाज किसी नंबर पर बल्लेबाजी करने नहीं आता है। बड़ा खिलाड़ी वही होता है जो अपने कम्फर्ट ज़ोन से निकलकर बेहतरीन प्रदर्शन करता है।"
जिसके आगे गांगुली ने कहा, "अगर मैं वन-डे क्रिकेट में नंबर 4 या नंबर 5 पर बल्लेबाजी करता तो मैं अपने आप में 50% खिलाड़ी होता। वही सचिन के साथ में हैं अगर वो वनडे क्रिकेट में मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते तो शायद वो भी अपनी बुलंदियों के आधे रास्ते तक पहुँचते। मैंने बस इतना कहा की कम्फर्ट ज़ोन से बाहर हो और खुलकर खेलो।"
इसके बाद गांगुली भारत के तूफानी बल्लेबाज सहवाग के बारे में यही नहीं रुके उन्होंने उनकी तुलना भारत के दिग्गज सलामी बल्लेबाज सुनी गावस्कर से भी कर डाली।
जिसके बारे में उन्होंने कहा, "सहवाग काफी विशेष और सर्वश्रेष्ठ में से एक था। भारत ने सुनील गावस्कर को सबसे अच्छे सलामी बल्लेबाज के रूप में देखा जाता है मगर ये बल्लेबाज ( सहवाग ) भी ज्यादा पीछे नहीं था। इन दोनों के खेल में काफी अंतर है। एक बल्लेबाज ( सुनील गावस्कर ) ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद को छोड़कर उसे पुराना बनाने में विश्वास रखते थे। जबकि दूसरे ने ऑफ स्टंप की गेंदों को मार कर उसे पुराना बनाने में विश्वास किया। जो की शानदार था।"
बता दें कि सहवाग ने अपने करियर के दौरान 251 वनडे और 104 टेस्ट मैच खेलें जिसमें उनके नाम कुल 8536 अंतराष्ट्रीय रन हैं।