नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) बोर्ड की गुरुवार को होने वाली वर्चुअल बैठक में भारत की टी20 विश्व कप की मेजबानी पर निर्णय टलना तय है क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) इस पर अंतिम फैसला करने के लिये एक महीने का समय मांगेगा। पहले यह फैसला किया गया था कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली स्वयं इस बैठक में मौजूद रहेंगे लेकिन अब पता चला है कि वह आनलाइन ही इसमें भाग लेंगे तथा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आयोजन को लेकर अमीरात क्रिकेट बोर्ड से चर्चा करने के लिये बुधवार को यूएई रवाना होंगे।
बैठक में किसी ठोस नतीजे की उम्मीद नहीं है तथा एक जुलाई के बाद बीसीसीआई एक अन्य विशेष आम बैठक (एसजीएम) बुलाएगा। आईसीसी 18 जुलाई को शुरू होने वाले वार्षिक सम्मेलन के दौरान अपने अंतिम फैसले की औपचारिक घोषणा कर सकता है। आईपीएल के बाकी बचे मैचों का आयोजन 15 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच संयुक्त अरब अमीरात में होगा लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड टी20 विश्व कप के आयोजन का मौका नहीं गंवाना चाहता है जिसके लिये यूएई वैकल्पिक स्थान है।
बीसीसीआई के सूत्रों ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ''कोविड-19 के मामलों में कमी आयी है लेकिन अभी ऐसी स्थिति नहीं हैं जिसमें हम विश्व कप की मेजबानी के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त कर सकें। गांगुली और सचिव जय शाह ने फैसला करने के लिये एक महीने का समय मांगा है। ''
उन्होंने कहा, ''उन्हें निश्चित तौर पर सरकार से भी सलाह मिलेगी कि भारत में मेजबानी करना सही होगा या नहीं। बीसीसीआई यदि अक्टूबर—नवंबर में मेजबानी करने में सफल रहता है तो इसे नौ स्थलों के बजाय मुंबई में तीन स्थलों पर आयोजित किया जा सकता है। ''
बीसीसीआई जिस एक अन्य मसले का सामना कर रहा है वह आईसीसी को वैश्विक प्रतियोगिताओं के लिये मिलने वाली छूट है। पता चला है कि बीसीसीआई सरकार के शीर्ष अधिकारियों से इसको लेकर चर्चा कर रहा है लेकिन इसका आसान समाधान संभव नहीं है। इसके अलावा 2023 से 2031 तक आठ वर्षों के लिये भविष्य के दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) पर भी चर्चा होगी।
इसमें द्विपक्षीय श्रृंखलाओं के अलावा आईसीसी की प्रमुख प्रतियोगिताएं भी शामिल हैं। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को भी लेकर भी चर्चा होगी क्योंकि महामारी के कारण इसकी शुरुआती चैंपियनशिप में कुछ श्रृंखलाओं का आयोजन नहीं हो पाया था। आईसीसी इस खेल के वैश्विक विकास की रणनीति पर भी चर्चा करेगी जिसमें महिला क्रिकेट पर विशेष जोर दिया जाएगा। आईसीसी इस खेल को 104 देशों में समान रूप से फैलाना चाहता है।