बीसीसीआई आचरण अधिकारी डी के जैन ने रविवार को पुष्टि की कि उन्होंने कपिल देव के खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत को ‘अप्रासंगिक’ पाया है क्योंकि पूर्व भारतीय कप्तान अपनी कई भूमिकाओं के पदों से हट गये हैं। बीसीसीआई के साथ जैन का एक साल का अनुबंध एक महीने में खत्म हो जायेगा। उन्होंने शांता रंगास्वामी और अंशुमन गायकवाड़ के खिलाफ दिसंबर में आयी शिकायतों को भी अप्रासंगिक पाया था क्योंकि उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था।
जैन ने कहा, ‘‘कपिल के खिलाफ शिकायत को अप्रासंगिक पाया गया। ’’ ये तीनों क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का हिस्सा थे लेकिन मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता द्वारा उनके खिलाफ लगाये गये हितों के टकराव के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया था।
बीसीसीआई ने अब नयी सीएसी गठित की है। जैन ने रंगास्वामी, गायकवाड़ और कपिल को मुंबई में 27 और 28 दिसंबर को व्यक्तिगत सुनवाई के लिये बुलाया था लेकिन विश्व कप विजेता कप्तान निजी कारणों से इसमें नहीं जा सके थे।
बीसीसीआई संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक समय में एक से ज्यादा पद पर काबिज नहीं हो सकता।