हाल ही में भारतीय क्रिकेटर दीपक हुड्डा ने सैयद मुश्ताक अली में बड़ौदा के कप्तान क्रुणाल पांड्या पर कथित ‘दुर्व्यवहार’ का आरोप लगाते थे। इस टूर्नामेंट के शुरू होने से एक दिन पहले उन्होंने बड़ौदा क्रिकेट संघ को मेल कर इसकी जानकारी दी थी और वह टूर्नामेंट छोड़कर चले गए थे। इसके बाद अब बीसीए ने दीपक हुड्डा को इस घरेलू सीजन से सस्पेंड कर दिया है। बीसीए का कहना है कि हुड्डा ने अनुशासनहीनता और खेल का अपमान किया है।
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बीसीए सचिव अजीत लेले ने शुक्रवार को पीटीआई से कहा, 'अनुशासनहीनता और बीसीए तथा खेल को अपमानित करने के लिए उनको (हुड्डा) इस सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। टीम और बीसीए को बताए बिना वह टीम के जैविक रूप से सुरक्षित माहौल से बाहर चले गए थे।'
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बता दें, हुड्डा ने जो मेल बीसीए को किया था उसमें उन्होंने लिखा था ‘इस समय मैं निराश और दबाव में हूं। पिछले कुछ दिनों से मेरी टीम के कप्तान कृणाल पंड्या मेरे साथियों के सामने मेरे साथ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। वह यहां के रिलायंस स्टेडियम वडोदरा में भाग लेने आये अन्य टीमों के खिलाड़ियों के सामने भी ऐसा ही कर रहे हैं।’
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘मुख्य कोच प्रभाकर की अनुमति से कल के मैच के लिए आज जब मैं नेट पर अभ्यास कर रहा था तब कृणाल वहां आ गये और उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया।’
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हुड्डा और पांड्या के इस विवाद पर भारतीय टीम के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान ने भी जांच की मांग की थी। इरफान ने कहा था ‘महामारी के इस कठिन समय के दौरान खिलाड़ी के मानसिक स्वास्थ्य का अत्यधिक महत्व होता है, क्योंकि उन्हें बायो-बबल (जैव-सुरक्षित) में रहते हुए खेल पर ध्यान देना होता है। ऐसी घटनाओं का खिलाड़ी पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है और इससे बचना चाहिए।’
उन्होंने कहा था,‘बीसीए के सभी सदस्यों इसकी जांच करने और ऐसे कार्यों की निंदा करने का अनुरोध करता हूं क्योंकि ये क्रिकेट के खेल के लिए अच्छा नहीं हैं।’