बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) प्रमुख नजमुल हसन ने दावा किया है कि बीसीबी को अपने टेस्ट और टी 20 कप्तान शाकिब अल हसन के खिलाफ आईसीसी की भ्रष्टाचार-रोधी जांच के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। शाकिब पर एक संदिग्ध भारतीय सट्टेबाज द्वारा की गई तीन पेशकश की रिपोर्ट नहीं करने के लिए दो साल का प्रतिबंध लगाया गया है।
इस प्रतिबंध में 12 महीने की निलंबित सजा है जो शाकिब के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की भ्रष्टाचार रोधी संहिता (एसीयू) का पालन करने में असफल होने पर ही प्रभावी होगी। आईसीसी ने मंगलवार को इस प्रतिबंध की घोषणा की थी।
स्थानीय मीडिया ने हसन के हवाले से कहा, ‘‘मैं स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि न ही मुझे और न ही बीसीबी के किसी व्यक्ति को जांच के बारे में कुछ पता था जो जनवरी से चल रही थी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ एसीयू (स्वंतत्र संस्था) ने शाकिब से बात की। उसने खिलाड़ियों के साथ हड़ताल से संबंधित बैठक के बाद मुझे दो या तीन दिन पहले सूचित किया। ’’ एक साल के प्रतिबंध में शाकिब अगले साल होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग और 2020 में ही 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक आस्ट्रेलिया में होने वाले विश्व कप टी20 से भी बाहर रहेगा।
दुनिया के नंबर एक वनडे ऑलराउंडर ने संदिग्ध सट्टेबाज दीपक अग्रवाल द्वारा की गयी पेशकश की रिपोर्ट नहीं की थी, जिन्होंने उन्हें तीन अलग-अलग मौकों पर टीम संयोजन और रणनीति के बारे में जानकारी देने के लिए कहा था। हालांकि बोर्ड प्रमुख ने स्वीकार किया कि वे शुरू में शाकिब से नाराज थे कि उन्होंने इन पेशकश की रिपोर्ट क्यों नहीं की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात से इनकार नहीं करता कि इस मुद्दे पर रिपोर्ट नहीं करने के लिए मैं उनसे नाराज था। लेकिन हम इस बात से खुश हैं कि उन्होंने आईसीसी एसीयू के साथ पूर्ण सहयोग किया है और उनके शिक्षा कार्यक्रम के लिए अपनी प्रतिबद्धता का वादा किया। ’’