कोलकाता। भारत और बांग्लादेश के बीच 22 से 26 नवंबर तक यहां श्रृंखला का दूसरा टेस्ट क्रिकेट मैच दिन-रात्रि में खेला जाएगा। बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने मंगलवार को इस टेस्ट को लेकर लग रही अटकलों को विराम देते हुए पीटीआई को यह जानकारी दी। गांगुली ने इसके साथ ही नौ महीने के अपने कार्यकाल का यह पहला बड़ा फैसला लिया।
गांगुली ने इस टेस्ट को गुलाबी गेंद से खेलने का प्रस्ताव बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के सामने रखा था। बांग्लादेश के खिलाड़ी हालांकि पहले इसके लिए तैयार नहीं थे लेकिन बोर्ड के साथ कई दौर की बैठकों के बाद वे दिन-रात्रि में टेस्ट खेलने को तैयार हो गये।
गांगुली ने पीटीआई से कहा, ‘‘ बीसीबी ने इसकी सहमति दे दी और हम दिन-रात्रि टेस्ट की मेजबानी करेंगे। यह अच्छी पहल है। टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने की जरूरत है। मैं और मेरी टीम ने इसके लिए काफी मेहनत की। हम विराट (कोहली) का भी शुक्रिया करना चाहेंगे कि वह इसके लिए तैयार हुए।’’
बांग्लादेश के दक्षिण अफ्रीकी कोच रसेल डोमिंगो ने ढाका में कहा कि इस बात को लेकर चिंता है कि मैच कैसा होगा लेकिन टीम ने नयी चुनौती को स्वीकार करने का फैसला किया है। यह मैच दोपहर दो बजे से खेला जाएगा जिसमें चाय और डिनर का ब्रेक होगा।
डोमिंगो ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह शानदार अवसर होगा। मुझे नहीं लगता कि भारत ने भी कभी गुलाबी गेंद (दिन-रात्रि टेस्ट में इस्तेमाल होने वाली गेंद) से क्रिकेट खेला है। ईडन गार्डन में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक के खिलाफ खेलना बड़ा मौका होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस चुनौती का इंतजार कर रहे है। इसमें कुछ चुनौतियां होगी क्योंकि तैयारी के लिए ज्यादा समय नहीं है लेकिन भारत के लिए भी ऐसी ही स्थिति है। मुझे नहीं लगता की उन्होंने कभी दिन-रात्रि टेस्ट खेला है। ऐसे में यह दोनों टीम के लिए एक समान होगा।’’ इस दक्षिण अफ्रीकी ने कहा, ‘‘ गुलाबी गेंद से खेलने के मामले में दोनों टीमें एक समान है। कई बार बदलाव अच्छे होते है।’’
भारत में पहली बार गुलाबी गेंद से मैच कराने का श्रेय भी गांगुली को जाता है जब बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने जून 2016 में मोहन बागान और भवानीपुर के बीच सुपर लीग के फाइनल का आयोजन दिन-रात्रि में कराया था। इस मैच में ऋद्धिमान साहा और मोहम्मद शमी ने भी खेला था जो भारत के पहले दिन-रात्रि टेस्ट टीम में शामिल हो सकते है।
बीसीसीआई ने उसी साल (2016) दलीप ट्राफी में गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया था जिसे तीन सत्र तक जारी रखने के बाद इस साल प्रसारण कवरेज की कमी के कारण रोक दिया गया। भारतीय टीम के मौजूदा सदस्यों मयंक अग्रवाल, रविचंद्रन अश्विन, कुलदीप यादव, इशांत शर्मा को भी दलीप ट्राफी में दिन-रात्रि खेलने का अनुभव है। स्पिनरों ने हालांकि ओस पड़ने की चिंता जताते हुए कहा कि इससे वह असरहीन हो जाऐंगे लकिन गांगुली ने भरोसा दिया कि ऐसी परिस्थिति नहीं आयेगी।