भारत ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड को 10 विकेट से मात देकर चार मैच की टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है। भारत की इस जीत में बाएं हाथ के ऑफ स्पिनर अक्षर पटेल ने 11 विकेट लेकर अहम भूमिका निभाई। अक्षर ने पहली इनिंग में 6 और दूसरी इनिंग में 5 विकेट लिए। वहीं चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भी उन्होंने 5 विकेट हॉल के साथ कुल 7 इंग्लिश बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया था। अक्षर के इस लाजवाब प्रदर्शन के बाद कभी टीम इंडिया के विदेशों में शीर्ष स्पिनर माने जाने वाले कुलदीप यादव की टीम इंडिया में जगह पर खतरा मंडराने लगा है।
2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में कुलदीप यादव के पांच विकेट लेने के बाद भारतीय कोच रवि शास्त्री ने कहा था "वह पहले ही विदेश में टेस्ट क्रिकेट खेल चुका है और पांच विकेट ले चुका है ऐसे में वह हमारा मुख्य स्पिनर होगा। हर किसी का समय होता है (अश्विन की खराब फॉर्म की ओर इशारा करते हुए) लेकिन अब कुलदीप विदेशों में हमारे शीर्ष स्पिनर होंगे।"
इसके बाद टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2019 में दो टेस्ट मैच की सीरीज खेली, इस सीरीज में कुलदीप यादव भारतीय स्क्वाड में तो थे लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला। साल 2020 की शुरुआत में भारत ने न्यूजीलैंड का दौरा किया जहां उन्होंने दो और टेस्ट मैच की सीरीज खेली, लेकिन इस सीरीज के लिए भारतीय टीम मैनेजमेंट ने कुलदीप यादव को ड्रॉप करने का फैसला किया।
इसके बाद भारत ने 2020 में ऑस्ट्रेलिया का दौरान किया जहां उन्होंने चार मैच की टेस्ट सीरीज के लिए कुलदीप यादव को वापस स्क्वाड में जगह दी। कुलदीप को उम्मीद थी कि इस सीरीज में उन्हें कम से कम एक मैच तो खेलने को मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय खिलाड़ियों के चोटिल होने पर नेट बॉलकर वॉशिंगटन सुंदर और टी नटराजन जैसे खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिला, लेकिन कुलदीप बाहर बैठकर मैच देखते रहे।
कंगारुओं की सरजमीं पर जब टीम इंडिया तिरंगा लहराकर स्वदेश लौटी तो इंग्लैंड के खिलाफ चार मैच की टेस्ट सीरीज में फिर कुलदीप यादव को स्क्वाड में जगह मिली। यहां भी कुलदीप के साथ वहीं हुआ जो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हुआ था। सीरीज शुरू होने से पहले अक्षर पटेल चोटिल हो गए और टीम मैनेजमेंट ने नेट्स गेंदबाज शाहबाज नदीम को कुलदीप से ऊपर खिलाने का फैसला किया।
3 जनवरी 2019 को अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने वाले कुलदीप यादव को आखिरकार 13 फरवरी 2021 को चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में खेलने का मौका मिला। इस टेस्ट में भारत ने तीन स्पिनर आर अश्विन, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव को जगह दी थी। अश्विन और अक्षर के रहते कुलदीप को उस मैच में मात्र 12.2 ओवर गेंदबाजी करने को मिला और इस दौरान उन्होंने दो ही विकेट लिए। वहीं उस मैच में डेब्यू करने वाले बाएं हाथ के ऑफ स्पिनर अक्षर पटेल ने कुल 7 इंग्लिश बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया था।
अक्षर ने अपने इस लाजवाब परफॉर्मेंस से तीसरे टेस्ट में अपनी जगह पक्की और कुलदीप यादव की प्लेइंग इलेवन में जगह को लेकर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा। डे नाइट टेस्ट से पहले हर किसी को कुलदीप के टीम से ड्रॉप होने का डर था और मैच के दिन हुआ भी कुछ ऐसा ही। कप्तान विराट कोहली ने कुलदीप यादव को टीम से बाहर कर वॉशिंगटन सुंदर को उनकी बल्लेबाजी के चलते टीम में जगह दी। सुंदर डे नाइट टेस्ट में ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाए, लेकिन अक्षर पटेल ने अहमदाबाद में खेले गए डे नाइट टेस्ट मैच में 11 विकेट लेकर इतिहास रच दिया।
अब दो टेस्ट मैच में अक्षर पटेल के नाम 18 विकेट हो गए हैं और वह इस सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बन गए हैं। पहले नंबर पर 24 विकेट के साथ ऑफ स्पिनर आर अश्विन मौजूद हैं। अक्षर पटेल के इस लाजवाब प्रदर्शन के बाद ऐसा लगने लगा है कि कुलदीप यादव की टेस्ट टीम से छुट्टी हो सकती है।
रविंद्र जडेजा के आने से क्या अक्षर पटेल की जगह को है खतरा?
अक्षर पटेल की उम्दा परफॉर्मेंस के बाद यह सवाल भी उठता है कि क्या रविंद्र जडेजा के आने से टीम इंडिया में उनकी जगह को कोई खतरा है? तो बता दें कि अगर भारत अपनी सरजमीं पर मैच खेलेगी तो वह अक्षर, अश्विन और जडेजा तीनों को खिला सकती है, इससे भारतीय स्पिन गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों को ही काफी मजबूती मिलेगी, वहीं जब टीम विदेशों में खेलेगी तो वह जडेजा को अक्षर से ऊपर मौका देगी क्योंकि वह बल्ले से भी योगदान दे सकते हैं।
वैसे मैच खत्म होने के बाद अक्षर पटेल ने कहा था कि वह जिस तरह गेंद से परफॉर्म कर रहे हैं उसी तरह बल्ले से भी अपना योगदान दे पाए तो उन्हें काफी अच्छा लगेगा। अगर आने वाले मैचों में अक्षर ऐसा करने में कामयाब होते हैं तो प्लेइंग इलेवन में जडेजा और उनके बीच कड़ी टक्कर भी देखने को मिल सकती है।
वॉशिंगटन सुंदर का क्या होगा?
इन सभी बातों के बीच एक सवाल वॉशिंगटन सुंदर के लिए भी उठता है कि अब उनका क्या होगा? तो यह चीज साफ है कि कुलदीप यादव की तरह उनका पत्ता भी टीम इंडिया से कट सकता है। वॉशिंगटन सुंदर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बतौर नेट्स गेंदबाज के रूप में गए थे और आर अश्विन के चोटिल होने के बाद ही उन्हें टीम में जगह मिली थी। हालांकि उन्होंने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया, लेकिन उन्हें टेस्ट टीम में अपनी जगह बनाने के लिए और इंतजार करना होगा। हां, भविष्य में आर अश्विन के चोटिल होने या सीरीज से किसी कारण बाहर रहने पर सुंदर को प्लेइंग इलेवन में जगह मिल सकती है।