लंदन। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन ने कहा कि टेस्ट मैच के दौरान चोटिल खिलाड़ी की जगह लेने वाला पहला क्रिकेटर बनना उनके लिए काफी जज्बाती रहा। लाबुशेन इंग्लैंड के खिलाफ एशेज श्रृंखला के दूसरे टेस्ट के पांचवें दिन ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल हुए।
उन्होंने चोटिल स्टीव स्मिथ की जगह ली। स्मिथ अपनी 92 रन की पारी के दौरान जोफ्रा आर्चर की गेंद पर चोटिल हो गये थे। इससे पहले केवल क्षेत्ररक्षण के लिये स्थानापन्न खिलाड़ी की व्यवस्था थी। लेकिन इस श्रृंखला से किसी साथी खिलाड़ी के सिर में चोट लगने पर उसकी जगह दूसरे खिलाड़ी को उतारने की व्यवस्था आईसीसी ने की है।
यह खिलाड़ी बल्लेबाजी और गेंदबाजी भी कर सकता है। अपने छठे टेस्ट मैच में उतरे लाबुशेन ने यह जिम्मेदारी बखूबी निभाई और ऑस्ट्रेलियाई जब 267 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए संघर्ष कर रहा था तब उन्होंने टीम की तरफ से सर्वाधिक 59 रन बनाये।
ऑस्ट्रेलियाई ने आखिर में छह विकेट पर 154 रन बनाकर मैच ड्रा कराया। लाबुशेन जब बल्लेबाजी के लिये उतरे तो उन्होंने जिस दूसरी गेंद का सामना किया वह उनके हेलमेट पर लगी थी। आर्चर ने यह गेंद 91.6 मील प्रतिघंटे की रफ्तार से की थी।
लाबुशेन ने कहा, ‘‘ मेरे लिए मैदान में उतरना बाहर बैठने से कम परेशान करने वाला था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब गेंद मेरे हेलमेट पर लगी तब मुझे थोड़ा डर लगा लेकिन वहां कुछ नहीं कर सकते थे। आप जब मैदान में होते है तो आपको इसका सामना करना होता है। आप जोश से भरे होते है और गेंद को देखने की कोशिश करते है।’’
लाबुशेन ने इस पारी के बाद गुरुवार से शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट के लिए अपना दावा भी मजबूत कर लिया। अगर टीम में उनका चयन होता है तो उन्हें यहां कि चुनौती की बारे पता होगा। एशेज में उनका स्वागत बाउंसर से हुआ था जो उनके हेलमेट की तार पर लगी थी। उन्होंने कहा, ‘‘ गेंद तेजी से हेलमेट के तार में लगी लेकिन यह ‘डटकर सामना करने जैसा’ था। आप ऐसे स्थिति में सामान्य दिखने की कोशिश करते है। इससे हिम्मत मिलती है।’’