नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने सोमवार को कहा कि वह भारत के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हो रही वनडे सीरीज में आक्रामक रुख अपनाने के बजाए पारी को बनाने पर ध्यान देंगे। वार्नर अपने करियर के शुरुआती दिनों में और हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में खेले गए आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के साथ आक्रामक ही दिखे थे।
वॉर्नर ने कहा कि शुरू से आक्रमण वह हैदराबाद की स्थिति को देखकर करते थे।
ये भी पढ़ें - संदेश झिंगन ने कोलकाता डर्बी को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ डर्बियों में से एक बताया
वॉर्नर से जब आईएएनएस संवाददाता ने पूछा कि क्या वह आईपीएल की तरह ही आक्रामक खेलना जारी रखेंगे? इस पर वार्नर का जवाब था, "आप क्या देखना चाहते हैं? 10 ओवरों में 100 रन (हंसते हुए)। वनडे में, मैं वैसे ही बल्लेबाजी करूंगा जैसे मैं करता हूं। इसमें कोई बदलाव नहीं होने वाला है। आईपीएल के अंत में मैं क्यों आक्रामक खेला इस बात का जवाब यहा है कि हमें उन विकेटों पर वैसा ही खेलना था।"
उन्होंने कहा, "हम पारी बनाने का इंतजार नहीं कर सकते थे। हमें शुरुआती छह ओवरों में नई गेंद से रन बनाने थे। यहां ऑस्ट्रेलिया में थोड़ा अलग है, और 50 ओवरों में आप आमतौर पर वैसे ही खेलते हो जैसा खेलते हो। आप अपने सामान्य तरीके से ही खेलते हो। लेकिन मैंने पिछले साल पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ (टी-20 सीरीज में) बताया था, मैंने उसी समान तरीके से खेला था, जैसा मैने आईपीएल के अंत में खेला था।"
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने बीते कुछ वर्षों से अपना खेल बदला है। वह ऐसे बल्लेबाज हुआ करते थे जो पहली ही गेंद से मारते थे लेकिन अब वह पारी बनाने पर ध्यान देते हैं।
सैंडपेपरगेट में फंसने के बाद 2019 में लौटे वॉर्नर का ऑस्ट्रेलिया में स्ट्राइक रेट 76 और औसत 67 का रहा है।
ये भी पढ़ें - डेविड वॉर्नर ने बताए दो भारतीय खिलाड़ियों के नाम जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ले सकते हैं रोहित शर्मा की जगह
अपनी बल्लेबाजी में बदलाव में एक और कारण उन्होंने उम्र को भी बताया।
34 साल के वार्नर ने कहा, "यह जानबूझ कर किया गया प्रयास नहीं है। मैं हाल ही में 34 साल का हुआ हूं। मेरी टीम के लिए यह हमेशा अच्छी शुरुआत की बात है और मैदान पर हिसाब से जोखिम लेने की बात है। मुझे यह सुनिश्चित करना है कि मैं जितनी देर बल्लेबाजी कर सकूं उतनी देर अच्छे स्ट्राइक रेट से करूं। टेस्ट स्तर पर पिछले साल मैंने जिस तरह से बल्लेबाजी की थी वो काफी अनुशासत्मक थी। मैंने मैच में काफी सारी गेंदें खेली थीं, अपने आप को समय दिया था। मैंने 12-24 महीनों में जिस तरह का अनुशासन दिखाया है उस पर मुझे गर्व हा है उस पर मुझे गर्व है।"
टेस्ट में भी उनका स्ट्राइक रेट 2017 के बाद से कम हुआ है।
वार्नर ने कहा, "आप जैसे-जैसे आगे बढ़ते जाते हो काफी कुछ सीखते जाते हो। आपका हमेशा वही प्रभाव नहीं रहता है। आप हमेशा बॉक्स के बाहर देखना चाहते हो जहां चीजें बदल सकती हैं। गेंदबाज आपको आउट करने के अलग-अलग तरीके निकाल लेते हैं।"
वार्नर ने कहा कि धैर्यवान बनने में उनके पिता बनने का भी अहम योगदान रहा है, "मैं इसे इस बात से जोड़ सकता हूं कि पिता बनाना धैर्यवान बनाता है। जब बच्चे सुन नहीं रहे तो ज्यादा आक्रामक नहीं, ज्यादा गुस्सा नहीं। मैं मैदान के अंदर और बाहर परखा जा रहा हूं। इसलिए यह शांत रहने और जिस स्थिति में हो उसे सुलझाने की बात है।"