सलामी बल्लेबाज बेथ मूनी की नाबाद शतकीय पारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया महिला टीम ने तीन मैचों की श्रृंखला के रोमांचक दूसरे एकदिवसीय में भारत को पांच विकेट से हराकर 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली। भारतीय टीम और अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी रोमांच की पराकाष्ठा तक पहुंचे आखिरी ओवर में दबाव झेलने में नाकाम रहे जिससे ऑस्ट्रेलिया ने इस प्रारूप में लगातार 26वीं जीत दर्ज की। इस हार के लिए भारतीय गेंदबाजी के साथ लचर क्षेत्ररक्षण भी बड़ा कारण रहा। भारतीय खिलाड़ियों ने कई कैच टपकाये।
जीत के लिए 275 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही ऑस्ट्रेलिया टीम अपनी पारी के शुरुआती 25 ओवरों में दबाव में थी लेकिन मूनी की 133 गेंद में 125 रन की नाबाद साहसिक पारी के दम पर लक्ष्य का पीछा करते हुए महिला क्रिकेट में सफलतापूर्वक सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल किया। मैच की आखिरी गेंद पर मूनी ने दो रन लेकर टीम को जीत दिला दी। भारतीय टीम इससे पहले वाली गेंद पर जीत का जश्न मनाने लगी थी जब झूलन की गेंद पर मूनी का कैच लपक लिया गया लेकिन तीसरे अंपायर ने कई बार रिप्ले देखकर कमर से ऊपर के फुलटॉस गेंद होने के कारण इस नो बॉल करार दिया। आखिरी ओवर में ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 13 रन की जरूरत थी और गेंद झूलन के हाथ में थी।
मूनी ने निकोल केरी (38 गेंद में नाबाद 39) के साथ मिलकर लक्ष्य हासिल कर टीम के जीत के क्रम को जारी रखा। दोनों ने छठे विकेट के लिए नाबाद 97 रन की साझेदारी की। ऑस्ट्रेलियाई टीम 52 रन पर चार विकेट गंवाकर मुश्किल में थी लेकिन मूनी ने ताहलिया मैकग्रा (77 गेंद में 74 रन) के साथ 126 रन की साझेदारी कर जीत की नींव रखी। इस दौरान भारतीय स्पिनरों दीप्ति शर्मा और पूनम यादव ने एक बार फिर निराश किया।
दोनों ने मिलकर 15 ओवर में 98 रन दिये। ऑस्ट्रेलिया टीम का जीत का यह सिलसिला 2018 में शुरू हुआ था जिसके बाद उसके खिलाफ बना यह सबसे बड़ा स्कोर था। इससे पहले सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना की 86 रन की संयमित पारी के दम पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने सात विकेट पर 274 रन बनाये। टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी का निमंत्रण मिलने पर मंधाना और शेफाली वर्मा (22) ने पहले पावरप्ले (शुरुआती 10 ओवर) में 68 रन बनाकर भारत को शानदार शुरुआत दिलायी। इस साल खेले गये 10 एकदिवसीय मैचों में यह दोनों की सर्वश्रेष्ठ साझेदारी है। यह जोड़ी हालांकि 74 रन की साझेदारी करने के बाद 12वें ओवर की पहली गेंद पर शेफाली के आउट होने से टूट गयी।
उन्हें सोफी मोलिनेक्स ने बोल्ड किया। मंधाना ने इसके बाद विकेटकीपर बल्लेबाज रिचा घोष (44) के साथ भी चौथे विकेट के लिए 76 रन की शानदार साझेदारी की। रिचा ने 50 गेंद की पारी में तीन चौके और एक छक्का जड़ा। भारत की ओर से पूजा वस्त्राकर ने 29 और झूलन गोस्वामी ने नाबाद 28 रन बना कर अच्छा योगदान दिया। शानदार लय में चल रही कप्तान मिताली राज (आठ) मंधाना के साथ गफलत का शिकार होकर रन आउट हो गयी। अपना दूसरा एकदिवसीय खेल रही यास्तिका भाटिया (तीन) भी बड़ा स्कोर करने में नाकाम रही। भारतीय टीम कम अंतराल में तीन विकेट गंवाने के बाद परेशानी में थी लेकिन मंधाना और रिचा की शानदार साझेदारी ने टीम को मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकाला।
दोनों ने रन गति बनाये रखी और ऑस्ट्रेलिया गेंदबाजों को हावी होने का मौका नहीं दिया। पूजा और झूलन ने आखिरी ओवरों में 53 रन की साझेदारी कर टीम के स्कोर को 250 के पार पहुंचाया। झूलन ने इस दौरान आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए 25 गेंद की नाबाद पारी में तीन चौके लगाये। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से ताहलिया मैकग्रा ने 45 रन देकर तीन विकेट लिये जबकि मोलिनेक्स ने दो विकेट झटके।