ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है ब्रिसबेन टेस्ट के तीसरे दिन भारत के लिए शार्दुल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने शानदार बल्लेबाजी की, जिसके कारण मेहमान टीम परेशानियों से उबरने में सफल रहा। वहीं पोंटिंग को यह महसूस हुआ कि टीम पेन की अगुआई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने खेल के तीसरे दिन भारतीय टीम के निचले क्रम के बल्लेबाजों के प्रति कम आक्रमक रही।
पोंटिंग का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों को भारतीय निचले क्रम के बल्लेबाजों के खिलाफ अधिक से अधिक आक्रमक रुख अपनाना चाहिए था। उन्हें अधिक से अधिक शॉर्ट पिच गेंद डाल कर उन्हें परेशान करना चाहिए था।
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क्रिकेट.कॉम.एयू के हवाले से पोंटिंग ने कहा, ''मुझे नहीं लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने जितनी आक्रमकता दिखाई वह पर्याप्त थी। तेंज गेंदबाजों ने उम्मीद के मुताबिक शॉर्ट पिच गेंद नहीं की। हमारे गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को क्रिज पर जमने का मौका दे दिया। मेजबान टीम के गेंदबाजों ने अधिकतर वहीं गेंदबाजी की जहां भारतीय बल्लेबाज चाह रहे थे।''
उन्होंने कहा, ''टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क बिल्कुल भी अपने रंग में नहीं दिखे। वहीं जब पैट कमिंस ने शार्दुल ठाकुर को बोल्ड किया था तो उससे पहले की गेंद उनकी बाउंसर थी। मुझे नहीं लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज तीसरे दिन अपने पूरे लय में नजर आए थे।''
इस दौरान पोंटिंग ने गाबा की पिच को लेकर अपनी बात रखी और कहा कि यहां ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज को कोई मदद नहीं मिल रही है लेकिन जिस तरह से भारत के निचलेक्रम के बल्लेबाजों ने साहस दिखाया वह काबिलेतारीफ था।
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आपको बता दें कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे चार टेस्ट मैचों की सीरीज अभी 1-1 की बराबरी पर है। सीरीज का यह चौथा मैच और इस मुकाबले में मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया।
पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 369 रनों का स्कोर खड़ा किया। इस स्कोर के जवाब में भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 336 रन ही पाई और इस तरह वह ऑस्ट्रेलिया से 33 रन पीछे रह गई थी।