ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड के साथ अनुबंध, राजस्व के ढांचे और वेतन को लेकर काफी समय से खिलाड़ियों की तनातनी चल रही है लेकिन अब खिलाड़ियों ने ऐसा फैसला ले किया है जिससे सब चौंक गए हैं। ऑस्ट्रेलिया-ए टीम ने दक्षिण अफ्रीका के प्रस्तावित दौरे पर नहीं जाने का फ़ैसला किया है। इस टीम में उस्मान ख्वाजा, ट्रेविस हेड और ग्लेन मैक्सवेल जैसे तमाम दिग्गज कंगारू खिलाड़ियों के नाम भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि 1 जुलाई को खिलाड़ियों का करार खत्म होने के साथ ही सभी खिलाड़ी अब बेरोजगार हो चुके हैं। तकरीबन 230 ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों (महिला व पुरुष) ने नए अनुबंध को तब तक स्वीकार करने से मना कर दिया है, जब तक राजस्व के समान बंटवारे को लेकर समझौता नहीं होता। इसके लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स एसोसिएशन (एसीए) के बीच बातचीत से हल निकलने की उम्मीद लगाई गई थी लेकिन इसका कोई नतीजा निकलता न देख खिलाड़ियों ने आखिरकार बड़ा फ़ैसला कर ही लिया।
भारत दौरा और एशेज सिरीज़ खटाई में
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड भी अपनी जगब अड़ा हुआ है और अपने किसी भी फैसले को बदलने या उसमें कोई संशोधन करने के मूड में नहीं है। बोर्ड ने साफ कर दिया है कि जो भी पैसा (तकरीबन 2 लाख 50 हजार डॉलर) दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए निर्धारित किया गया था, अब मौजूदा स्थिति में इस पूरी रकम को ऑस्ट्रेलिया में युवा क्रिकेटरों को तैयार करने व उनको सुविधाएं देने में लगा दिया जाएगा। मतलब साफ है कि बोर्ड पीछे नहीं हटेगा। सीनियर खिलाड़ियों ने पहले ही साफ कर दिया है कि वे प्रस्तावित बांग्लादेश दौरे पर तब तक रवाना नहीं होंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं। इस वजह से सितंबर-अक्टूबर में होने वाले भारत दौरे और नवंबर में शुरू होने वाली प्रतिष्ठित एशेज सीरीज भी खतरे में पड़ती नजर आने लगी है।
सरकार कर सकती है हस्तक्षेप
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट में ताजा विवाद अब इतना गंभीर रूप लेता जा रहा है कि आने वाले समय में ऑस्ट्रेलिया की सरकार को भी इसमें हस्तक्षेप करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के खेल मंत्री ग्रेग हंट ने कहा था कि अगर इस विवाद का जरा सा भी असर एशेज सीरीज पर पड़ता दिखा तो खुद सरकार सीधे तौर पर इस मामले में हस्तक्षेप करेगी। जाहिर है कि एशेज सीरीज हमेशा से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के लिए प्रतिष्ठा का सवाल रही है। इस बार इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में ही होना है और बोर्ड व सरकार को इससे अच्छी कमाई होने की उम्मीद है।
क्रिकेट में पिछले कुछ सालों में वेतन व अनुबंध को लेकर बोर्ड के साथ तनातनी आम होती जा रही है। कुछ सालों पहले श्रीलंका में भी खिलाड़ियों की बकाया राशि न चुकाने को लेकर काफी विवाद हुआ था हालांकि बोर्ड को दबाव में आकर झुकना पड़ा और वो मामला सुलझ गया..लेकिन उधर, वेस्टइंडीज में इस विवाद ने पिछले दो-तीन सालों में इतना गंभीर मोड़ ले लिया कि इस समय दिग्गज खिलाड़ियों की एक पूरी टीम बाहर बैठी नजर आ रही है।