भारतीय महिला गेंदबाजों ने मजबूत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दमदार प्रदर्शन किया जिससे मेजबान टीम ने शनिवार को यहां बारिश से प्रभावित एकमात्र दिन-रात्रि महिला क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन दूधिया रोशनी में मुश्किलों से पार पाते हुए स्टंप तक चार विकेट पर 143 रन बनाये। अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी (27 रन देकर दो विकेट) ने बेहतरीन गेंदबाजी कर ऑस्ट्रेलिया के दो विकेट झटक लिये थे जिससे एक समय उसका स्कोर दो विकेट पर 63 रन था। इससे दिन का खेल समाप्त होने तक ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत से 234 रन से पिछड़ रही थी।
गोस्वामी के अलावा पूजा वस्त्रकार ने 31 रन देकर ऑस्ट्रेलिया को दो झटके दिये। भारतीय टीम ने 145 ओवर में आठ विकेट पर 377 रन पर पहली पारी घोषित की थी। मिताली राज की टीम भाग्यशाली रही कि अंपायर ने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मेग लैनिंग (38) को गलत आउट दे दिया और यह गेंद वस्त्रकार की थी। हालांकि लैनिंग के आउट होने से डीआरएस नहीं होने पर सवाल उठाये जा रहे हैं जिसे मैच का हिस्सा होना था लेकिन आयोजक योजना के अनुसार नहीं चल सके।
दिन-रात्रि के मैच के दौरान थोड़ी ओस भी थी लेकिन इससे भारतीय गेंदबाजों को ज्यादा मदद नहीं मिली, पर उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पारी में ज्यादातर समय कसी गेंदबाजी जारी रखी। तहलिया मैकग्रा (28) वस्त्रकार की शॉर्ट गेंद को ऊंचा खेल बैठी जो प्वॉइंट पर सीधे स्मृति मंधाना के हाथों में गयी, इससे मेजबान टीम का स्कोर चार विकेट पर 119 रन हो गया। इसके बाद गोस्वामी को फिर गेंदबाजी पर लगाया गया और उनके लिये दो स्लिप लगायी, पर एलिस पेरी और एशले गार्डनर स्टंप तक डटी रहीं।
पेरी 27 और गार्डनर 13 रन बनाकर खेल रही हैं। भारत ने पारी घोषित करने का फैसला सही समय पर लिया क्योंकि दूधिया रोशनी के कारण गुलाबी गेंद से दिन-रात्रि टेस्ट के दूसरे सत्र में बल्लेबाजी सबसे मुश्किल होती है। ऑस्ट्रेलिया को पहला झटका बेथ मूनी के रूप में लगा जिन्हें गोस्वामी ने बोल्ड किया। लेकिन एलिसा हीली (29) और कप्तान लैनिंग ने कुछ आकर्षक शॉट लगाकर पारी आगे बढ़ायी।
हालांकि चाय ब्रेक से कुछ देर पहले गोस्वामी ने अपनी शानदार गेंदबाजी से मेजबान टीम को दूसरा झटका दिया। 38 साल की भारतीय तेज गेंदबाज की गेंद एलिसा हीली के बल्ले को चूमती हुई विकेटकीपर तानिया भाटिया के हाथों में समा गयी। इससे पहले भारत के लिये दीप्ति शर्मा ने 66 रन की पारी खेली और टीम के लिये दूसरी सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहीं।
शुक्रवार को सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने खेल के इस प्रारूप में अपना पहला शतक जड़ा था। भारत ने डिनर तक सात विकेट पर 359 रन बना लिये थे। टीम ने कैरारा ओवल में पांच विकेट पर 276 रन के स्कोर से खेलना शुरू किया। दूसरे दिन बारिश और बिजली गरजने से खेल जल्दी खत्म हो गया था जिससे तीसरे दिन का पहला सत्र लंबा रहा जिसमें भारत ने 83 रन बनाकर तानिया भाटिया और वस्त्रकार के विकेट गंवाये।
तानिया ने 75 गेंद में 22 रन बनाये जबकि वस्त्रकार केवल 13 रन ही बना सकीं। तानिया के आउट होने से दीप्ति और उनके बीच छठे विकेट के लिये 45 रन की साझेदारी का अंत हुआ। भारतीय टीम ने तेजी से रन जुटाने के बजाय धीमी गति से रन बनाये जिससे ऐसा लग रहा है कि दोनों टीमें नतीजे के बजाय ड्रॉ से संतुष्ट रहना चाहेंगी क्योंकि खराब मौसम के कारण मैच का काफी खेल खराब हो गया।
तानिया और दीप्ति ने इस 45 रन की साझेदारी के लिये 28 से ज्यादा ओवर तक बल्लेबाजी की। स्टेला कैंपबेल ने तानिया का विकेट झटका जो उनका पहला टेस्ट विकेट भी था। यह कैच विकेट के पीछे एलिसा हीली ने लपका। भारतीय टीम ने हालांकि ज्यादा विकेट नहीं गंवाये लेकिन बल्लेबाजों ने सपाट दिख रही पिच पर ढीली गेंदों का फायदा नहीं उठाया। दीप्ति ने 12 रन से दिन की शुरुआत की थी, उन्होंने 148 गेंद में पांच चौकों की मदद से अपना दूसरा टेस्ट अर्धशतक पूरा किया।
एलिस पेरी ने टीम को एक और झटका वस्त्रकार के रूप में दिया जो गली में बेथ मूनी को कैच देकर आउट हुईं। यह पेरी का 300वां अंतरराष्ट्रीय विकेट था। पेरी एकमात्र महिला क्रिकेटर हैं जिनके नाम 5000 अंतरराष्ट्रीय रन और 300 विकेट हैं। दीप्ति ने इसके साथ ही टेस्ट में अपने पिछले 54 रन के सर्वश्रेष्ठ स्कोर को पार कर लिया।
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डिनर ब्रेक तक दीप्ति शर्मा 58 रन बना चुकी थीं। लेकिन डिनर के बाद वह अपनी पारी में आठ रन ही जोड़ सकी थीं कि कैंपबेल ने पगबाधा कर उन्हें अपना दूसरा शिकार बनाया। गोस्वामी (नाबाद 07) और मेघना सिंह (02) क्रीज पर थीं और भारत ने पहली पारी घोषित करने का फैसला किया।