नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका सीरीज के लिए भारत की महिला टी-20 टीम में शामिल की गईं 15 साल की शेफाली वर्मा ने कहा है कि जब उन्होंने पहली बार बल्ला पकड़ा था तभी से वह राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना चाहती थीं।
शेफाली को अनुभवी खिलाड़ी मिताली राज के टी-20 में संन्यास लेने के बाद से टीम में मौका मिला है।
इस युवा खिलाड़ी ने आईएएनएस से कहा कि जब उन्होंने खेलना शुरू किया था तो एक लड़की होने के नाते लोगों ने काफी कुछ कहा था क्योंकि भारत में खेल आमतौर पर लड़के खेलते हैं।
शेफाली ने कहा, "मैंने जब खेलना शुरू किया था तब मेरे पिता से लोगबाग कुछ न कुछ बोलते थे। मेरे पिता ने हालांकि उनकी बातें सुनी नहीं और मुझे खेलने दिया।"
उन्होंने कहा, "मेरे पिता ने शुरुआत में मुझे ट्रेनिंग दी। यह मेरा और मेरे पिता दोनों का सपना था कि मैं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए खेलूं।"
रोहतक की रहने वाली शेफाली ने आयु सूमह में और महिला टी-20 चैलेंज में अच्छा खेलने का लाभ मिला है।
शेफाली ने अपने घरेलू राज्य हरियाणा के लिए तीन सीजन खेले हैं और इसी दौरान वह अपनी सलामी बल्लेबाजी से लोगों की नजर में आईं।
इस सलामी बल्लेबाज ने कहा कि वह जानती थीं कि भारत के लिए खेलने के लिए उन्होंने महिला टी-20 चैलेंज में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। इसी साल इसी टूर्नामेंट में उनकी 31 गेंदों पर 34 रनों की पारी ने सभी को प्रभावित किया।
उन्होंने कहा, "भारत के लिए खेलने के लिए, मुझे महिला आईपीएल में बड़ा स्कोर करना था। मेरी टीम को जीत दिलाने के लिए मुझे इस तरह का प्रदर्शन करना था।"
उन्होंने कहा, "आईपीएल एक शानदार प्लेटफॉर्म है और मैं इसमें अच्छा करने और भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में जाने के लिए प्रतिबद्ध थी।"
उन्होंने कहा कि महिलाओं का आईपीएल युवा खिलाड़ियों के लिए काफी अहम और बड़ा टूर्नामेंट है।