भारतीय टीम एशिया कप 2018 के फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम थी। टीम इंडिया ने मौजूदा टूर्नामेंट में अब तक अजेय है और कोई मैच हारी नहीं है। टीम ने पहले हॉन्गकॉन्ग, पाकिस्तान को दो बार और एक बार बांग्लादेश को हराया है। वहीं, अफगानिस्तान से टीम का मुकाबला टाई पर खत्म हुआ था। टीम इंडिया 9वीं बार एशिया कप का फाइनल खेल रही है जो कि दूसरी टीमों से ज्यादा है। आइए आपको बताते हैं कि भारतीय टीम जब-जब एशिया कप के फाइनल में पहुंची तो क्या रहा मैचों का नतीजा।
साल 1984 का एशिया कप (जीत): भारत ने पहली बार साल 1984 में एशिया कप के फाइनल में जगह बनाई थी। टीम इंडिया के सामने श्रीलंका था और भारत ने श्रीलंका को 10 विकेट से रौंदकर पहली बार एशिया कप का चैंपियन बनने में कामयाबी हासिल की थी।
साल 1988 का एशिया कप (जीत): भारत ने दूसरी बार साल 1988 के एशिया कप के फाइनल में जगह बनाई थी। इस एशिया कप को विल्स एशिया कप के नाम से भी जाना जाता है। इस फाइनल में भारत ने श्रीलंका को हरा दिया था। क्रिस श्रीकांत की शानदार गेंदबाजी की दम पर भारत ने श्रीलंका को 43.2 ओवरों में महज 176 रनों पर समेट दिया था। जवाब में भारत ने 37,1 ओवरों में लक्ष्य का पीछा कर लिया था।
साल 1991 का एशिया कप (जीत): भारत में खेले गए साल 1991 का एशिया कप का फाइनल भी भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था। कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए इस फाइनल में श्रीलंका की टीम 9 विकेट खोकर महज 204 रन ही बना सकी थी। जिसके जवाब में संजय मांजरेकर के नाबाद (75), सचिन तेंदुलकर के (53) और मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाबाद 54 रनों की बदौलत भारत ने दूसरी बार खिताब जीत लिया था।
साल 1995 का एशिया कप (जीत): साल 1995 को पेप्सी एशिया कप के नाम से भी जाना जाता है। इस बार भी फाइनल में भारत का मुकाबला श्रीलंका से था। श्रीलंका ने भारत को 231 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे भारत ने नवजोत सिंह सिद्धू के नाबाद 84 और मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाबाद 90 रनों की बदौलत आसानी से हासिल कर तीसरी बार खिताब पर कब्जा जमाया था।
साल 1997 का एशिया कप (हार): इस साल के एशिया कप को भी पेप्सी के नाम से जाना गया। इस बार भारतीय टीम की कमान सचिन तेंदुलकर के हाथों में थी और फाइनल में विरोधी फिर से श्रीलंका की टीम थी। इस बार श्रीलंका ने फाइनल में भारत के लगातार जीत के सिलसिले को खत्म किया और 7 विकेट से जीत दर्ज की। ये पहली बार था जब भारत एशिया कप का फाइनल हार गया था।
साल 2004 का एशिया कप (हार): सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने गजब का प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। फाइनल में भारतीय टीम के गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी करते हुए श्रीलंका को 9 विकेट के नुकसान पर 228 रनों पर रोक दिया था। लेकिन भारतीय टीम इस मैच को 25 रनों से हार गई थी।
साल 2008 का एशिया कप (हार): चार साल के बाद भारतीय टीम ने फिर से एशिया कप के फाइनल में जगह बना ली। पाकिस्तान में खेले गए इस एशिया कप में भारत के सामने फिर से श्रीलंका था। श्रीलंका की तरफ से सनत जयसूर्या ने गजब की बल्लेबाजी की और 114 गेंदों में 125 रन बना डाले थे। गेंदबाजी में श्रीलंका के अजंता मेंडिस ने कहर बरपाते हुए 6 विकेट झटक लिए थे और भारत मैच हार गया था।
साल 2010 का एशिया कप (जीत): साल 2010 के एशिया कप में एम एस धोनी के हाथों में टीम की कमान थी। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका के सामने जीत के लिए 269 रनों का लक्ष्य रखा था। जिसके बाद आशीष नेहरा के 4 विकेटों की बदौलत भारत ने मुकाबले को 81 रनों से अपने नाम किया था।
साल 2016 का एशिया कप (जीत): इस बार का एशिया कप टी20 फॉर्मेट में खेला गया था। साथ ही इस बार फाइनल में भारत के सामने बांग्लादेश की टीम थी। भारत के सामने बांग्लादेश कहीं भी नहीं ठहर सका और टीम इंडिया ने मुकाबले को 14.5 ओवरों में ही 8 विकेट से जीत लिया।