एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए शनिवार को जब भारतीय टीम का चयन होगा तो कप्तान विराट कोहली के कार्यभार और टीम के मध्यक्रम पर फोकस रहेगा। भारतीय टीम ढाई महीने इंग्लैंड में रहने के बाद कोई टूर्नामेंट खेलेगी जिसमें शीर्ष खिलाड़ियों को आराम दिए जाने की संभावना कम ही है। भारत का सामना चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से दो और फाइनल में पहुंचने पर तीन बार भी हो सकता है। कोहली कमर की तकलीफ से जूझ रहे हैं और अगले तीन महीने में छह टेस्ट और खेलने हैं जिनमें दो वेस्टइंडीज और चार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शामिल है। चयनकर्ताओं को कोहली के कार्यभार को लेकर भी एहतियात बरतनी होगी।
कोहली के टूर्नामेंट से बाहर रहने की संभावना कम ही है लेकिन वो नहीं खेलते हैं तो रोहित शर्मा कप्तानी करेंगे। मध्यक्रम में शिखर धवन और रोहित शर्मा का खेलना तय है जबकि के एल राहुल तीसरे नंबर पर उतर सकते हैं। लेकिन कोहली के बाद के दो स्थान चिंता का विषय बने हुए हैं। मनीष पांडे लगातार अच्छा नहीं खेल सके हैं लेकिन चार टीमों की सीरीज में वापसी करते हुए उन्होंने इंडिया बी के लिए चार मैचों में 306 रन बनाए हैं।
अंबाती रायुडू यो-यो टेस्ट में कामयाब रहे और भारत ए के लिए रन भी बनाए हैं। केदार जाधव भी फिट हैं और उपयोगी ऑफ ब्रेक गेंदबाज भी हैं। मयंक अग्रवाल भी कर्नाटक और भारत ए के लिए काफी रन बना चुके हैं। ऐसे में देखना दिचस्प होगा कि दो जगहों के लिए चयनकर्ता कैसा फैसला लेते हैं।
गेंदबाजी में भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह आक्रमण की अगुवाई करेंगे। शारदुल ठाकुर और सिद्धार्थ कौल भी उमेश यादव के साथ चयन के लिए दावेदारी पेश करेंगे। विकेटकीपिंग का जिम्मा महेंद्र सिंह धोनी का रहेगा और उनसे सीखने के लिए ऋषभ पंत को टीम में शामिल किया जा सकता है।