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अश्विन ने माना, सीएसके में इस दिग्गज के साथ नहीं रहे उनके अच्छे संबंध जिसके कारण टीम से हुए थे वह बाहर

अश्विन ने आईपीएल 2010 को याद किया जब दो मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें सीएसके की टीम से बाहर कर दिया गया। यह उनके लिये कड़ा सबक था ।

Edited by: Bhasha
Updated on: April 27, 2020 15:08 IST
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Image Source : GETTY IMAGES Ravichandran Ashwin

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दो मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद भारत के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को पता चल गया था कि टी20 में गेंदबाजी करना आसान नहीं होता है और इस वास्तविकता ने उन्हें एक दशक पहले कड़ा सबक सिखाया था। 

क्रिकेटर से कमेंटेटर बने संजय मांजरेकर के साथ ईएसपीएनक्रिकइन्फो के लिये पोडकास्ट में अश्विन ने बताया कि चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) की तरफ से खेलते हुए आईपीएल 2010 ने उन्हें किस तरह से प्रभावित किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में खेलने पर बात की और बताया कि कि आखिर उनके स्पिन जोड़ीदार रविंद्र जडेजा ‘क्यों नैसर्गिक खिलाड़ी’ हैं। 

अश्विन से नाराज थे टीम मैनेजमेंट

अश्विन ने आईपीएल 2010 को याद किया जब दो मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें सीएसके की टीम से बाहर कर दिया गया। यह उनके लिये कड़ा सबक था क्योंकि उन्हें लगता था कि स्टीफन फ्लेमिंग ने उनसे बात नहीं की और उन्हें टीम मैनेजमेंट का पर्याप्त समर्थन नहीं मिला था। 

अश्विन ने कहा, ‘‘लोग सोचते थे कि मैं खुद को बहुत अच्छा गेंदबाज मानता हूं लेकिन जब आईपीएल में खेलता हूं तो इस तरह से बुरा प्रदर्शन करता हूं। यह एक तमाचे की तरह था जैसे कोई बोल रहा हो कि तुम यहां के लायक भी नहीं हो। ’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सोचता था कि फर्स्ट क्लास मैचों की तुलना में टी20 मैच में गेंदबाजी करना आसान होता है। ’’ यह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ मैच था जिसमें रोबिन उथप्पा और मार्क बाउचर ने उनकी गेंदों की जमकर धुनाई की थी। 

अश्विन ने कहा, ‘‘रोबिन उथप्पा और मार्क बाउचर ने मुझे कड़ा सबक सिखाया। मैंने 14वां, 16वां, 18वां और 20वां ओवर किया था। मैं युवा था और नहीं जानता था कि यह एक चुनौती है। मुझे लगा कि यह विकेट हासिल करने का अच्छा मौका है। ’’ 

खराब प्रदर्शन के बाद अश्विन को होटल में नहीं मिली थी जगह

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विकेट तो मिला नहीं लेकिन मैंने 40 या 45 रन लुटाकर अपनी टीम को परेशानी में डाल दिया था। अगला मैच सुपर ओवर तक खिंचा और हम हार गये। मुझे टीम से बाहर कर दिया गया। मुझे लगा जैसे किसी ने मुझ पर करारा तमाचा जड़ दिया है। ’’ 

ये वे दिन थे जब आईपीएल फ्रेंचाइजी घरेलू मैचों के दौरान होटल की लागत बचाने के लिये केवल शीर्ष 18 खिलाड़ियों को ही टीम में रखते थे। अश्विन को भी घर में बैठकर सीएसके के मैच देखने पड़े थे। 

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बाहर कर दिया गया। मुझे होटल छोड़ना पड़ा और मैं घर में बैठ गया। मुझे लगा कि मैं इससे बेहतर का हकदार था क्योंकि मैं वेस्टइंडीज में होने वाले विश्व टी20 के 30 संभावित खिलाड़ियों में शामिल था। (अश्विन तब भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाये थे।) अश्विन ने स्वीकार किया कि फ्लेमिंग उनसे नाराज थे और इसलिए सीएसके के टीम मैनेजमेंट ने उनका पक्ष नहीं लिया। 

स्टिफन फ्लेमिंग से नहीं रहे अश्विन के अच्छे संबंध

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले तीन मैचों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। केवल दो मैचों में मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। असल में मेरे स्टीफन फ्लेमिंग से बहुत अच्छे संबंध नहीं थे और उन्होंने मुझसे बात तक नहीं की। इसलिए मैं घर में बैठकर सीएसके के मैच देख रहा था और वादा कर रहा था कि एक दिन मैं सब कुछ बदल कर रहूंगा। ’’ 

इसके बाद अश्विन ने लंबा सफर तय कर लिया है। इस 33 साल के इस गेंदबाज ने अब 71 टेस्ट मैचों में 365 विकेट लिये हैं लेकिन साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में उनका रिकॉर्ड प्रभावशाली नहीं है। 

अश्विन ने कहा, ‘‘मैंने इंग्लैंड में जितने मैच खेले उनसे मुझे यह अहसास हो गया कि एक स्पिनर के लिये विपरीत परिस्थितियों में गेंदबाजी करते हुए (घरेलू परिस्थितियों जैसा) रिकॉर्ड बरकरार रखने के लिये सही समय पर गेंदबाजी करने की जरूरत होती है। दूसरी बात आपको थोड़ा भाग्य की भी जरूरत पड़ती है।’’ 

हर तरह से परफेक्ट हैं जडेजा

अश्विन ने इसके साथ ही कहा कि उनके साथी स्पिनर जडेजा नैसर्गिक तौर पर फिट खिलाड़ी हैं जिन्हें फिट रहने के लिये उनकी तरह अतिरिक्त प्रयास नहीं करने पड़ते हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं दिन में दो बार भी प्रैक्टिस करता हूं और फिर अच्छी कैलोरी वाला भोजन करता हूं तो मेरी फिटनेस गड़बड़ा जाएगी। कुछ लोगों को ईश्वर का आशीर्वाद होता है। मुझे इस मामले में रविंद्र जडेजा से तुलना करना पसंद है। उसे ईश्वर का आशीर्वाद है, वह शारीरिक तौर पर बेहद फिट खिलाड़ी है। जडेजा नैसर्गिक क्रिकेटर, नैसर्गिक गेंदबाज, नैसर्गिक बल्लेबाज है।’’ 

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